जौनपुर/देवरिया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद से पारित कृषि विधेयकों का विरोध करने वालों को शनिवार को ‘किसान विरोधी’ करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का जो वादा किया था, ये विधेयक उसी की कड़ी हैं. वह जौनपुर में एक स्कूल के प्रेक्षागृह में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त कराएंगे और उन्हें अपनी पसंद के मुताबिक अपने उत्पाद बेचने का विकल्प देते हैं.
योगी आदित्यनाथ ने विधेयकों का विरोध करने वालों को “किसान विरोधी” करार देते हुए कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने देवरिया में किसी का नाम लिये बगैर कहा, “जिन लोगों ने किसानों का दोहन किया और प्रवासियों का उपहास किया, जो यह नहीं जानते कि गन्ना जमीन पर उगता है या पेड़ों पर. वे किसानों और श्रमिकों के लिये लड़ने का ढोंग कर रहे हैं.”
कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपनी सरकार द्वारा किये गए काम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग इस सबसे मुश्किल वक्त में इन लोगों के साथ रहे, वे सत्ता में होंगे. उन्होंने दावा किया कि बीते छह महीने में प्रदेश सरकार ने 12 गुना खाद्यान्न का वितरण किया ताकि किसी को भूख का सामना नहीं करना पड़े. राज्य में आगामी उपचुनावों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस बार बड़ी रैलियां या जनसभाएं नहीं होंगी. इसलिए हर भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी को हर बूथ की जिम्मेदारी लेनी होगी.
उन्होंने कहा कि अगर आप एक बूथ जीतते हैं तो आप चुनाव जीतेंगे. जौनपुर की मल्हनी और देवरिया सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि हम विकास के प्रति समर्पित हैं और इस उपचुनाव में आप सभी को सोचना होगा कि कौन विकास ला सकता है, रोजगार दे सकता है. उत्तर प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों के लिये उपचुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है.
देवरिया में अपने संबोधन के दौरान केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “देवरिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर हमने विकास कार्य को आगे बढ़ाया. अगले साल तक 100 छात्रों के साथ कक्षाएं शुरू हो जाएंगी और लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.” योगी ने कहा कि पानी की निकासी, पीने के पानी और स्वच्छता पर सरकार के ध्यान की वजह से 2014 की तुलना में इंसैफेलाइटिस से होने वाली मौतों के मामलों में काफी कमी आयी है. उन्होंने कहा, “कोविड-19 की चुनौती के दौरान दुनिया ने हमारे प्रबंधन को सराहा और सरकार ने न सिर्फ 40 लाख प्रवासी कामगारों को काम दिया बल्कि उन्हें मुफ्त भोजन (राशन) भी उपलब्ध कराया.”
Upload By Samir Kumar