यूपी विधान परिषद उपचुनाव: भाजपा से पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह प्रत्याशी घोषित, नतीजों से पहले जीत तय
यूपी विधान परिषद उपचुनाव: संख्याबल के समीकरणों के लिहाज से पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह की जीत तय मानी जा रही है. विधान परिषद की इन रिक्त सीटों की बात करें तो इस वर्ष 15 फरवरी को भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के इस्तीफा देने और बनवारी लाल दोहरे की मृत्यु के बाद दोनों सीटें रिक्त हुईं थीं.
Lucknow: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो रिक्त सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. उच्च सदन की दो सीटों पर 29 मई को मतदान होगा.
विधान परिषद के उपचुनाव को लेकर अभी तक कोई नामांकन नहीं दाखिल हुआ है. नामांकन के लिए अंतिम तारीख 18 मई है. ऐसे में सत्तापक्ष के उम्मीदवार पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह 17 या 18 मई को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. इस दौरान भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेता और मंत्री शामिल रहेंगे.
मानवेंद्र सिंह कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष के साथ दो बार एमएलसी भी रह चुके हैं. वह 1980 में भाजपा के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे. 1985 में पहली बार मानवेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर विधायक बने. इस समय भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वहीं पदमसेन चौधरी पूर्व सांसद हैं और बहराइच के निवासी हैं. इस समय भी वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. दोनों ही नेताओं संगठनात्मक कार्यों का अच्छा अनुभव है.
उपचुनाव को लेकर 29 मई को मतदान के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे. संख्याबल के समीकरणों के लिहाज से पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह की जीत तय मानी जा रही है. विधान परिषद की इन रिक्त सीटों की बात करें तो इस वर्ष 15 फरवरी को भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के इस्तीफा देने और बनवारी लाल दोहरे की मृत्यु के बाद दोनों सीटें रिक्त हुईं थीं. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था. वहीं बनवारी लाल दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था.
लक्ष्मण आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाए जाने के कारण उन्होंने विधान परिषद सदस्य पद से 15 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था. जबकि बनवारी लाल दोहरे का निधन हो गया था. एमएलसी की यह दोनों ही सीटें उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की हैं.
विधान सभा के 403 विधायकों में से 255 विधायक भाजपा के हैं. वहीं भाजपा गठबंधन विधायकों की संख्या 273 है. विधान परिषद उपचुनाव में जीत के लिए 202 विधायकों के मतों की आवश्यकता है. ऐसे में दोनों ही सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत तय है. वहीं 100 सीटों वाली विधान परिषद में भाजपा के 80 सदस्य हैं. मुख्य विपक्षी दल सपा के नौ व बसपा के एक सदस्य हैं. उपचुनाव के नतीजों के बाद उच्च सदन में भाजपा की ताकत और बढ़ जाएगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल के मुताबिक नामांकन पत्र 18 मई तक भरे जा सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 19 मई व नाम वापस 22 मई तक लिए जा सकेंगे. दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान 29 मई को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा. इसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे.