सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया गोरखपुर-फूलपुर 2018 लोकसभा उपचुनाव हार का बदला, रामपुर-आजमगढ़ में खिला कमल
आजमगढ़-रामपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर यूपी का सबसे बड़ा राजनेता साबित कर दिया है. सपा के पूर्व सीएम अखिलेश यादव व मिनी सीएम कहे जाने वाले मो. आजम खान की सीट छीनकर उन्होंने 2018 के उपचुनाव की शिकस्त का बदला लिया है. यह उपचुनाव सीएम योगी नेतृत्व में लड़ा गया था.
Lucknow: रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करने के साथ ही 2018 में यूपी में हुए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का बदला ले लिया है. सीएम योगी के नेतृत्व में यह जीत बहुत मायने रखती है. 2018 में सपा ने सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में सेंध लगाई थी. साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गढ़ फूलपुर को सपा ने जीत लिया था. जबकि यूपी में इस दौरान बीजेपी की सरकार थी.
सत्तारूढ़ बीजेपी को 2018 में सपा ने उपचुनाव में दिया था झटका
यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को समाजवादी पार्टी ने 2018 में तगड़ा झटका दिया था. योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट और केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफे से खाली हुई फूलपुर सीट पर उपचुनाव हुआ था. योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाया गया था. जबकि केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया था.
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सपा के गढ़ आजमगढ़ में भी खिला कमल, निरहुआ ने किया जीत का एलान
गोरखपुर में बीजेपी का 29 साल का टूटा था वर्चस्व
सपा ने 2018 के गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में प्रवीण निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21 हजार वोट से हराकर गोरखपुर लोकसभा सीट पर कब्जा किया था. इस चुनाव की खास बात यह थी गोरखपुर में 29 साल से बीजेपी का कब्जा था, जिसे सपा ने तोड़ा था.
डिप्टी सीएम केशव के गढ़ फूलपुर में मिली थी शिकस्त
इसी तरह यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट को भी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीता था. यहां से सपा ने नागेंद्र सिंह पटेल को चुनावी मैदान में उतारा था. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59 हजार से अधिक वोटों से हराया था. यह सीट डिप्टी सीएम बने केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी. इस तरह आजमगढ़ और रामपुर सीट जीतने के साथ ही योगी ने पुरानी हार का बदला भी लिया है.
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समाजवादी पार्टी के गढ़ में सेंध
गौरतलब है कि रामपुर और आजमगढ़ दोनों ही सीटें सपा का गढ़ कही जाती हैं. उन पर जीत हासिल करना अपने आप में महत्वपूर्ण है. रामपुर सीट मो. आजम खान के विधानसभा चुनाव लड़ने के कारण इस्तीफे से खाली हुई हुई थी. जबकि आजमगढ़ सीट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने के कारण खाली हुई थी. इन दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी अपनी जीत मानकर चल रही थी. लेकिन बीजेपी की जीत ने अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया है.