Loading election data...

यूपी निकाय चुनाव: किसी ने डाल दिया है आपका वोट, ऐसे दें चुनौती, मिलेगा वोटिंग का अधिकार, जानिए नियम

UP Municipal Election 2023: अगर मतदाता अपना वोट डालने जाता है और उसे पता चलता है कि कोई और पहले ही उसके नाम पर मतदान कर चुका है, तो उसे निराश होकर वापस लौटने की जरूरत नहीं है. नियमों के मुताबिक वह इसे चुनौती दे सकता है. इसके साथ ही वह आप अपना वोट भी डाल सकता है.

By Sanjay Singh | May 4, 2023 6:19 AM

UP Municipal Election 2023: यूपी निकाय चुनाव के प्रथम चरण के लिए 4 मई को 37 जनपदों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न कराया जाएगा. मतदान निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. निष्पक्ष मतदान की जिम्मेदारी हर मतदाता की भी होती है, इसके लिए मतदाता को किसी भी नियम को नहीं तोड़ना चाहिए. वहीं अगर आपके नाम से किसी अन्य ने वोट डाल ​दिया है तो आप उसे चुनौती भी दे सकते हैं.

फर्जी वोट डालने पर सजा और जुर्माना

यूपी निकाय चुनाव के लिए वोट डालने वाले मतदाता इस बात का ध्यान रखें कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के नाम पर वोट डालता है या डालने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171 D के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. आरोप साबित होने पर उसे एक वर्ष की जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है.

फर्जी मतदान को दे सकते हैं चुनौती

इसके साथ ही अगर मतदाता अपना वोट डालने जाता है और उसे पता चलता है कि कोई और पहले ही उसके नाम पर मतदान कर चुका है, तो उसे निराश होकर वापस लौटने की जरूरत नहीं है. निर्वाचन आयोग के नियम के मुताबिक वह इसे चुनौती दे सकता है. इसके साथ ही वह आप अपना वोट भी डाल सकता है.

Also Read: स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ी मुश्किलें, रामचरितमानस विवाद मामले में पुलिस ने चार्जशीट की दाखिल, पाए गए दोषी
टेंडर वोट के जरिए मतदाता को दिया गया है अधिकार

जिन लोगों की ये शिकायत होती है कि उनका वोट पहले ही किसी ने फर्जी तरीके से डाल दिया हो तो ऐसे मामलों के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से ‘टेंडर वोट’ की व्यवस्था की जाती है. इसके जरिए पुराने वोट को चैलेंज किया जा सकता है. इसके साथ ही मतदाता अपना नया वोट डाल सकता है. टेंडर वोट की व्यवस्था चुनाव आयोग के नियमों के सेक्शन 42 के अनुसार की गई है. इसके तहत पीठासीन अधिकारियों को पहले से दिशा-निर्देश दिए जाते हैं. वोटिंग के दौरान मिलने वाली किट में अधिकारियों को ‘टेंडर वोट’ भी उपलब्ध कराए जाते हैं. चुनाव अधिकारियों को मतदान खत्म होने के बाद इसका ब्यौरा चुनाव आयोग को देना पड़ता है.

जानिए क्या होता है टेंडर वोट?

टेंडर वोट की मांग करने से पहले आपको अपने फर्जी वोट की शिकायत पीठासीन अधिकारी से करनी होती है. इसके साथ ही उन्हें अपनी पहचान का सत्यापन करवाना होगा कि आप ही असली मतदाता हैं और आपका वोट किसी ने फर्जी तरीके से डाला है. इसके बाद वास्तविक मतदाता को टेंडर वोट का इस्तेमाल करने का अधिकार मिलता है. ये फार्म-17ए होता है, जिसके जरिए वोटर अपना वोट दे सकते हैं. इसमें बैलेट पेपर के जरिए वोट डालने का नियम है. टेंडर वोट के जरिए मतदान करने पर पीठासीन अधिकारी ईवीएम के साथ-साथ फॉर्म भी चुनाव आयोग को जमा करता है. इसके साथ ही पूरी जानकारी भी चुनाव आयोग को दी जाती है.

Next Article

Exit mobile version