यूपी निकाय चुनाव को लेकर आज जारी हो सकता है नोटिफिकेशन, योगी कैबिनेट में लगेगी मुहर, तैयारियों में जुटे सभी दल
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण लागू करने की हरी झंडी दे दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसके आरक्षण को हरी झंडी दिए जाने की चर्चा है. नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सभी वर्गों का आरक्षण सुनिश्चित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे.
Lucknow: यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) को लेकर सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद इसका जल्द ऐलान करने की तैयारी है. योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव का नोटिफकेशन जारी करने की इजाजत दी है. इस पर बुधवार को घोषणा करने की उम्मीद है. इसी के साथ यूपी में चुनावी सरगर्मियां शुरू हो एक बार फिर तेज हो जाएंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण लागू करने की हरी झंडी दे दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसके आरक्षण को हरी झंडी दिए जाने की चर्चा है.
कहा जा रहा है कि नगर निकायों के निर्वाचन में आरक्षण का मसौदा कैबिनेट के सामने रखने की तैयारी है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद निकाय चुनाव में आरक्षण की नई व्यवस्था को मंजूरी मिल जाएगी. इसके आधार सीटों का आरक्षण तय कर निकाय चुनाव करवाए जाएंगे.
इससे पहले निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण निर्धारण के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था. वहां से इजाजत मिलने के बाद निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया और अब सरकार इसकी प्रक्रिया को पूरी कर रही है.
बताया जा रहा है कि नगर विकास विभाग के मंत्री एके शर्मा और प्रमुख सचिव अमृता अभिजात आज नोटिफिकेशन को जारी करेंगे. इसके अलावा आरक्षण की लिस्ट भी जारी की जाएगी. नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ओबीसी सहित सभी वर्गों का आरक्षण सुनिश्चित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे. इस बीच निकाय चुनाव को लेकर सियासी दल तैयारी में जुट गए हैं. भाजपा संगठन ने जहां पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है, वहीं सपा और बसपा भी तेजी से जुट गए हैं.