Lucknow: प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर पहले चरण के 37 जनपदों में नामांकन मंगलवार से शुरू हो गया है. निकाय चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. सभी दल स्थानीय और जातीय समीकरण को देखकर उम्मीदवारों के नाम तय करने में जुट गए हैं.
इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पूर्वांचल के नगरीय निकायों में ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा 42.19 फीस दी है, जबकि मध्य यूपी के नगर निकायों में सबसे कम 27.55 प्रतिशत और पश्चिमी यूपी में 37.53 प्रतिशत है.
ओबीसी की आबादी के मद्देनजर यूपी में चुनाव के दौरान सभी दलों का इन पर फोकस होता है.खासतौर से यह समाजवादी पार्टी की राजनीति का अहम केंद्र रहा है. वहीं अब शहरी निकायों में ओबीसी की आबादी के रैपिड सर्वे में जो आंकड़े आएं हैं, उसे लेकर सियासत और तेज होने की उम्मीद है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और अन्य विपक्षी दल आरक्षण को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बीते वर्ष दिसंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था. इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही सभी निकायों में आरक्षण तय किया गया है. इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल चुकी है.
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आयोग की रिपोर्ट पर नजर डालें तो इसमें ओबीसी को उनकी आबादी के अनुपात में या 27 प्रतिशत, जो भी कम हो उसी के अनुसार आरक्षण देने की सिफारिश की गई है. इसके साथ ही एससी-एसटी व ओबीसी का कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हाेने की भी बात कही है. आयोग की सिफारिश के अनुसार ओबीसी को नगर निगम में 25.58 प्रतिशत और नगर पालिका व नगर पंचायत में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.
रैपिड सर्वे के मुताबिक 17 नगर निगमों में ओबीसी की आबादी 25.58 प्रतिशत व 200 नगर पालिका परिषद में 42.29 प्रतिशत व 545 नगर पंचायतों में 49.55 प्रतिशत है. वहीं प्रदेश के सभी 762 नगरीय निकायों में 36.77 प्रतिशत ओबीसी की आबादी है. सामान्य वर्ग की जनसंख्या 49.43 प्रतिशत है. वहीं बुंदेलखंड में 38.63 प्रतिशत और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 37.53 प्रतिशत ओबीसी आबादी है.
आयोग ने आबादी के अनुपात में ओबीसी को अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर भी आपत्ति जताई है. इसके साथ ही चक्रानुक्रम व्यवस्था में खामियों का जिक्र किया है. इस बीच हाईकोर्ट ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली राज्य सरकार चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है, जिस पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.