लखनऊ: यूपी सरकार (UP News) 8848 मदरसों को बंद करेगी. नेपाल सीमा से सटे जिलों में बड़ी संख्या में बिना मान्यता के मदरसों का संचालन हो रहा. बोर्ड परीक्षा के बाद अवैध मदरसों को बंद करने की कार्रवाई शुरू होगी. एसआईटी ने 16 हजार मदरसों की फंडिंग को लेकर जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी है.
संचालक नहीं बता सके आय का स्रोत
सूत्रों के अनुसार SIT जांच में मदरसा संचालक अपनी आय का स्रोत नहीं बता सके हैं. पता चला है कि मानकों को दरकिनार करके मदरसों को खाड़ी देशों से भी फंडिंग हो रही है. अनुमान है कि बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर, पीलीभीत में 500 से 1000 मदरसे संचालित हैं. सिद्धार्थनगर में 800, श्रावस्ती में 400 से ज्यादा मदरसे चल रहे हैं. इनमें से बड़ी संख्या में मदरसों ने मान्यता नहीं कराई है.
सीएम के निर्देश पर हो रही थी जांच
बिना मान्यता के चल रहे मदरसों की सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग जांच चल रही है. एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी ने इस पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. बताया जा रहा है कि मदरसों का संचालन 2005 के बाद से अधिक हो रहा है. कुल 16 हजार मदरसों में से लगभग 5500 मान्यता प्राप्त हैं. बाकी मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें तीन से पांच साल की अस्थायी मान्यता मिली हुई थी. जो समाप्त हो चुकी है. ऐसे सभी मदरसे संदेह के घेरे में हैं.
यूके के एक ट्रस्ट मिली आर्थिक मदद
सूत्रों के अनुसार एटीएस की जांच में पता चला है कि दिल्ली से संचालित एनजीओ भी फंडिंग में मदद करती है. जनवरी 2024 में गिरफ्तार अबू सालेह मंडल की एनजीओ से भी करोड़ों की मदद मदरसों को मिलती है. उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट यूके की जांच भी की जा रही है. इस एनजीओ से 2018 से 2022 के बीच 58 करोड़ की फंडिंग की गई है. अबु सालेह की एनजीओ हरोआ अल जमियातुल इस्लामिया दारुल उलूम मदरसा और कबीरबाग मिल्लत एकेडमी के एफसीआरए खातों में उम्मा से ये फंडिंग हुई थी.