UP News: बच्चों सहित स्कूली वाहन को सीज करने वाले एआरटीओ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई, आरआई निलंबित
UP News: चित्रकूट में मनमानी कार्रवाई करने वाले परिवहन विभाग के आरआई और एआरटीओ पर सीएम योगी के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई की गई है. दोनों अधिकारियों पर सरकारी कार्य में शिथिलता बरतने का आरोप है.
लखनऊ: यूपी (UP News) में सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने वाले चित्रकूट जिले के आरआई को निलंबित और एआरटीओ प्रवर्तन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. चित्रकूट में स्कूल बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में आरआई ने लापरवाही बरती थी. वहीं स्कूल बस को बच्चों सहित दो घंटे तक एआरटीओ ने पुलिस लाइन में सीज कर दिया था. इससे बच्चों को दिक्कत हुई थी. इस मामले की जानकारी जब शासन तक पहुंची तो सीएम योगी के निर्देश पर तुंरत कार्रवाई की गई.
2 घंटे तक पुलिस लाइन में खड़ी रही थी बसें
चित्रकूट (Chitrakoot News) के श्रीजी इंटर कॉलेज खोह के छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को वाहन की फिटनेस समाप्त हो जाने के कारण सहायक संभागीय परिहन अधिकारी (प्रवर्तन)की टीम ने सीज कर बच्चों सहित 10 किमी दूर पुलिस लाइन ले जाया गया था. वाहनों को 11.15 बजे सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया. इसके बाद 13.05 बजे उन्हें छोड़ा गया. इसके चलते करीब दो घंटे तक बसें खड़ी रहीं. बस में 125 बच्चे बैठे थे.
स्कूल जाकर फिटनेस जांचने के थे आदेश
चित्रकूट (Chitrakoot News Hindi) के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को संबंधित स्कूलों में जाकर स्कूली बसों के फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन उन्होंने आदेश नहीं मानें. जिसके कारण दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पाया. इसी बीच मंगलवार 23 जुलाई को जब स्कूल बस से बच्चों को घर छोड़ा जा रहा था, तब पुलिस लाइन तिराहे के पास इन बसों को एआरटीओ प्रवर्तन विवेक शुक्ला की टीम ने रोक लिया और सीज कर दिया.
बच्चों को देर हुई तो मचा हंगामा
बसों को बच्चों सहित सीज करने के कारण उनको घर छोड़ने में देरी हो गई. इससे अभिभावकों ने स्कूल से संपर्क किया. स्कूल से संपर्क होने पर पता चला कि फिटनेस न होने के कारण बसों को सीज कर दिया गया है और बच्चे भी उसी में हैं. इसके बाद अभिभावक भी पुलिस लाइन पहुंचने लगे. जब पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, तब शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा. इसके बाद बसों को छोड़ा गया. बताया जा रहा है कि दो घंटे तक पुलिस लाइन में ही बच्चे परेशान होते रहे.
सरकार तक बात पहुंची, हुआ एक्शन
बुधवार 24 जुलाई को ये मामला लखनऊ में अधिकारियों तक पहुंचा. इसके बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाए जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ( एआरटीओ प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की गई है. प्रदेश में परिवहन विभाग से जुड़े सभी कर्मियों को भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.