UP News: यूपी में ई-रजिस्ट्रेशन जल्द होगा शुरू, सीएम योगी ने देखा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स का प्रस्तुतिकरण

UP News सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स 2024 का प्रस्तुतिकरण देखा. उन्होंने कहा कि ईज ऑफ लिविंग, बेहतर रिकॉर्ड और डाटा मैनेजमेंट के लिए स्टांप और रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था आज की जरूरत है.

By Amit Yadav | June 22, 2024 5:44 PM

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP News) ने शनिवार को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स 2024 का प्रस्तुतिकरण देखा और कहा कि ईज ऑफ लिविंग, बेहतर रिकॉर्ड और डाटा मैनेजमेंट के लिए स्टांप और रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था आज की जरूरत है. इसका ड्राफ्ट बनाकर जल्द से जल्द पेश किया जाए. उन्होंने आवासीय, अनावासीय और व्यावसायिक संपत्ति के रेंट एग्रीमेंट के स्टांप रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने के भी निर्देश दिए. इसके लिए अलग अलग ब्रैकेट बनाने और एग्रीमेंट की प्रक्रिया को सरल करने के निर्देश दिए.

ई-रजिस्ट्रेशन और ई-फाइलिंग की व्यवस्था पारदर्शी हो
मुख्यमंत्री (UP News) ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स 2024 में रजिस्ट्रेशन के कोडिफिकेशन, ई-रजिस्ट्रेशन और ई-फाइलिंग की संपूर्ण व्यवस्था पारदर्शी होनी चाहिए. ई-रजिस्ट्रेशन का कार्य सरकारी एजेंसी और रेरा अप्रूव्ड संस्थाओं के माध्यम से कराया जाए. ई-फाइलिंग का कार्य बैंक फाइल 6 (1), 12 माह तक का रेंट एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 18 और 89 के अंतर्गत किसी भी डॉक्युमेंट के माध्यम से कराया जाए.

दो फेज में लागू होगी व्यवस्था
सीएम योगी (UP News) ने कहा कि ई-रजिस्ट्रेशन के तहत फेज-1 में सरकारी एजेंसियों, डेवलपमेंट एवं इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटीज को सेल डीड, एग्रीमेंट एवं लीज डीड के लिए मंजूरी दी जाए. सरकारी एजेंसियों के नोडल अधिकारियों को प्रस्तुतिकरण और स्वीकृति दी जाए. उन्होंने कहा कि पार्टियों का फोटो और सिग्नेचर भी डिजिटली या इलेक्ट्रानिकल रूप से किया जाना चाहिए. पंजीकरण इलेक्ट्रानिक डेटा के आधार पर रजिस्ट्रार अधिकारी करेंगे. सीएम ने कहा कि ई-रजिस्ट्रेशन के फेज-2 में सेल डीड, एग्रीमेंट और लीज डीड के लिए रेरा से अनुमोदित संस्थाओं तक बढ़या जाए.

ई-रजिस्ट्रेशन से नागरिकों को मिलेगी राहत
उन्होंने कहा कि (CM Yogi News) ई-फाइलिंग के तहत फेज-1 में बैंक फाइलों की प्रॉसेसिंग पहले ही शुरू हो चुकी है. जबकि दूसरे फेज में 12 माह तक का रेंट एग्रीमेंट, ऑनलाइन स्टांपिंग, ई-सिग्नेचर और पार्टियों और गवाहों का ई-केवाईसी वेरिफिकेशन आधार के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए. वर्तमान में पंजीकरण के लिए रजिस्ट्री कार्यालय में उपस्थिति जरूरी है. ये प्रदेश के नागरिकों के लिए असुविधाजनक तो है ही, साथ ही समय लेने वाली प्रक्रिया है. ई-रजिस्ट्रेशन की शुरुआत के बाद इससे नागरिकों को काफी राहत मिलेगी. इससे मध्यस्थ की जरूरत भी खत्म हो जाएगी. साथ ही लोगों के पैसे और समय की भी बचत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड्स बहुत सेंसिटिव होते हैं. इनके साथ छेड़छाड़ की गुंजाइश बनी रहती है. इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड सुरक्षित होने के साथ ही इन्हें सत्यापित करना भी आसान है.

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