अमेठी (भाषा) : उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के मुंशीगंज थाना क्षेत्र में इलाज में लापरवाही के चलते एक महिला की मौत के आरोप में संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.उन्होंने बताया कि रविवार तड़के प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने शनिवार शाम से अस्पताल के मुख्य द्वार पर जारी अपना धरना समाप्त कर दिया.मुंशीगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अखंड देव मिश्रा के मुताबिक, परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा, जनरल सर्जन डॉ. मोहम्मद रजा, एनेस्थीशिया विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी और फिजिशियन डॉ. शुभम द्विवेदी के खिलाफ इलाज में लापरवाही से संबंधित धारा 304ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
मुंशीगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अखंड देव मिश्रा के अनुसार,शनिवार शाम अमेठी में 22 वर्षीय महिला का शव अस्पताल के सामने रखकर उसके परिजनों ने धरना दिया था. परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की कथित लापरवाही की वजह से युवती की मौत हुई.मिश्रा ने बताया कि प्रशासनिक हस्तक्षेप और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद परिजनों का धरना रविवार तड़के चार बजे समाप्त हुआ. ग्रामीणों के मुताबिक, मुंशीगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के राम शाहपुर गांव की रहने वाली दिव्या को पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते वह इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल पहुंची.
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने दिव्या की पित्त की थैली में पथरी होने की बात कही और 14 सितंबर को उसे एनेस्थीशिया देकर ऑपरेशन थियेटर ले गए. ग्रामीणों के अनुसार, ऑपरेशन से पहले ही दिव्या कोमा में चली गई और जब वह 30 घंटे तक होश में नहीं आई, तब उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया.दिव्या के पति अनुज शुक्ला ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता को अस्पताल में दिल का दौरा भी पड़ा था.शुक्ला का दावा है जब उसने अपनी पत्नी को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, तब वह पूरी तरह से ठीक थी और सभी जांच रिपोर्ट भी सामान्य आई थीं.
शुक्ला ने कहा कि उसकी पत्नी को अधिक मात्रा में एनेस्थीशिया दिया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और अंततः मौत हो गई. उसने बताया कि दिव्या ने रविवार तड़के चार बजे अंतिम सांस ली, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस के मुताबिक, धरना शनिवार रात करीब आठ बजे शुरू हुआ था और प्रदर्शनकारी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई और मृतका के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे थे.संजय गांधी अस्पताल का संचालन संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, नयी दिल्ली द्वारा किया जाता है. सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके सदस्य हैं. अमेठी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) इलामारन जी ने बताया कि इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर जांच टीम गठित कर दी गई है और रिपोर्ट आने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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बलिया जिले के रसड़ा कस्बे में स्थित एक निजी अस्पताल में कथित रूप से लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत होने के मामले में पुलिस ने रविवार को अस्पताल के चिकित्सक, उसकी पत्नी और एक कर्मचारी के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है.पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद फहीम कुरैशी ने बताया कि नगरा थाना क्षेत्र के सोनापाली गांव के निवासी चंदन प्रसाद की तहरीर पर रसड़ा कस्बे में स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर विनय कुमार सिंह, उसकी पत्नी और कर्मचारी प्रसिद्धन के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.उन्होंने बताया कि चंदन प्रसाद ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि शनिवार की शाम उसने अपनी पत्नी पूनम देवी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, मगर चिकित्सक और अन्य आरोपियों की लापरवाही के कारण उसकी पत्नी व नवजात बच्चे की मौत हो गई. कुरैशी ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.