UP Cabinet News: सरकारी डॉक्टर 65 वर्ष में होंगे रिटायर, प्रशासनिक अधिकारियों को 62 साल में सेवानिवृत्ति

यूपी के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (PMS) में लगभग 19 हजार डॉक्टर के पद हैं. लेकिन वर्तमान में पूरे संवर्ग में सिर्फ 11500 डॉक्टर हैं. डॉक्टरों की नियुक्ति में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए अब सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाया जा रहा है.

By Amit Yadav | October 10, 2023 5:28 PM

लखनऊ: सरकारी डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गयी है. मंगलवार को यूपी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यूपी में सरकारी डॉक्टरों की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है. इससे सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों की संख्या में कमी आएगी. अभी तक सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष थी. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष ही रखी गयी है.

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अंतर्गत कार्यरत लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3 , लेवल 4 तक के चिकित्साधिकारियों की सेवानिवृत आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर आसीन वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 62 वर्ष पर ही सेवनिवृत होंगे. इनमें जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रधानाचार्य ट्रेनिंग सेंटर, महानिदेशक आदि 62 वर्षे की आयु में ही सेवनिवृत होंगे.

यूपी में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (PMS) में लगभग 19 हजार डॉक्टर के पद हैं. लेकिन वर्तमान में पूरे संवर्ग में सिर्फ 11500 डॉक्टर हैं. डॉक्टरों की नियुक्ति में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए अब सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाया जा रहा है. इससे डॉक्टरों की संख्या में कमी नहीं आएगी. गौरतलब है के यूपी सरकार डॉक्टरों को सरकारी सेवा में लाने के लिये कई तरह से आकर्षित करती है. इसके बावजूद सरकारी सेवा में डॉक्टर उतनी संख्या में नहीं आते हैं. .


विशेषज्ञ डॉक्टरों की भरी कमी

यूपी के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. इस कमी को पूरा करने के लिये सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेवल टू से भर्ती की सुविधा दी है. ये सुविधा एमडी, एमएस, डीएनबी डिग्री वाले डॉक्टरों को दी गयी है. क्योंकि सरकारी डॉक्टरों की नियुक्ति पहले कुछ साल पहले तक लेवन वन में होती थी. इसमें एमबीबीएस और एमडी-एमएस डिग्री वाले डॉक्टरों की भर्ती होती थी. ऐसे में पीजी डिग्री पूरी कर चुके डॉक्टर सरकारी सेवा से दूर होते चले गये

सरकारी सेवा में आने के आकर्षण में कमी

अब उन्हें एमबीबीएस डॉक्टर से एक लेवल ऊपर ग्रेड में नियुक्ति मिलती है. इससे एमडी-एमएस, डीएनबी डॉक्टर सरकारी सेवा से जुड़ने लगे हैं. हालांकि अभी यह संख्या जरूरत से काफी कम है. डॉक्टरों को सरकारी सेवा में आकर्षण न होने के कारण अब डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने को मंजूरी दी गयी है. जिससे लंबे समय तक डॉक्टर सेवा में रहेंगे.

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