UP News: रिहंद बांध की मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराएगी यूपी सरकार

UP News: अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्य प्रदेश के पर्यटकों में रिहंद बांध प्रसिद्ध है.

By Amit Yadav | July 21, 2024 2:14 PM

लखनऊ: यूपी (UP News) सरकार सोनभद्र के पिपरी स्थित रिहंद डैम की क्रैक्स मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराएगी. बांध के पानी के ऊपर और अंडर वॉटर क्रैक्स के आंकलन, चिन्हांकन की प्रक्रिया को रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरएवी) व ड्रोन (अंडर वॉटर यूएवी) के जरिए पूरा किया जाएगा. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड के अंतर्गत उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड ने इसके लिए एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस पूरी प्रक्रिया द्वारा रिवर बेड के 35 हजीर स्क्वायर मीटर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. 2डी व 3डी डाटा कैप्चरिंग तकनीक के जरिए आंकड़ों का संकलन किया जाएगा.

पानी के नीचे और ऊपर की होगी वीडियोग्राफी

रिहंद डैम में क्रैक्स आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा उसे स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी कहा जाता है. रिहंद बांध की अपस्ट्रीम दीवार पर पानी के ऊपर और पानी के नीचे वीडियोग्राफी कर इसकी लंबाई, चौड़ाई, गहराई, निर्माण सामग्री के नुकसान और गिरावट जैसे मानकों की पहचान की जाएगी. जलाशय तल तक पानी के स्तर से नीचे लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र और पानी के ऊपर लगभग 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र है. यह निरीक्षण कार्य आरओवी (रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल) का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें डाटा कैप्चरिंग उपकरण, कम रोशनी वाले एचडी कैमरे, डेप्थ सेंसर, अल्टीमीटर, पानी के अंदर के लिए लेजर और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) से 2डी, 3डी डाटा कैप्चरिंग की जाएगी.

प्रत्येक फ्रेम की होगी जियो टैगिंग

सर्वे में जुटाए गए डाटा से सॉफ्टवेयर का उपयोग करके दोषों को चिह्नित किया जाएगा. विवरण को निर्धारित करने के लिए पानी के ऊपर के लिए माप की रिपोर्ट की जाएगी. बांध के मुख पर मार्किंग ग्रिड के संदर्भ में और शीर्ष पर प्रत्येक फ्रेम डिस्प्ले स्क्रीन की पोजिशनिंग, जियोटैगिंग की जाएगी. प्रभारी अधिशासी अभियंता रिहंद कॉलोनी सिविल अनुरक्षण प्रभाग पिपरी सोनभद्र को इसके लिए नोडल प्राधिकारी बनाया गया है. निरीक्षण के बाद रॉ डाटा का विजुअल एनालिसिस में गहराई के अंकन के साथ प्रत्येक फ्रेम की जियो टैगिंग कर दरारों, गड्ढों, क्षति, निर्माण सामग्री की गिरावट आदि सहित किसी भी दृश्यमान चिंताजनक बिंदुओं की पहचान की जाएगी.

Next Article

Exit mobile version