लखनऊ. होम्योपैथिक दवाओं की मदद से बिना डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के भी किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है. समय पर इलाज और जागरुकता जरूरी है. यह बात एनएचसी लखनऊ के प्राचार्य डॉ डीके सोनकर ने कही है. वह विश्व किडनी दिवस पर मंगलवार को ह्यूमन एसिस्टेंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित जागरूकता अभियान के शुभारंभ के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे. 21 मार्च को विश्व किडनी दिवस पर ह्यूमन एसिस्टेंस फाउंडेशन किडनी और उससे संबंधित बीमारियों के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए शहर में 8 दिवसीय रथ यात्रा कार्यक्रम चला रहा है.
रथ यात्रा का शुभारंभ लखनऊ चिड़ियाघर गेट नंबर 2 के समीप स्थित आयुष मंत्री के आवास से किया. ह्यूमन एसिस्टेंस फाउंडेशन द्वारा रथ यात्रा के दौरान किडनी एवं सभी रोगों के लिए नि:शुल्क परामर्श दे रहा है. साथ ही ब्लड प्रेशर , ब्लड शुगर और किडनी का चेकअप तथा फेल्योर स्क्रीनिंग टेस्ट निशुल्क कराया जा रहा है. किडनी परीक्षण पर 50 फीसद की छूट है. मेडिकल सलाह, तनाव से दूर रहने की टिप्स, प्रयाग आरोग्यम केंद्र द्वारा योग शिविर की सुविधा के साथ् ही कम लागत वाली डायलिसिस सुविधा प्रदान की जा रही है.
रथ यात्रा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. पंकज श्रीवास्तव ऑर्थो होम्योपैथ, डॉ.ममता पंकज होम्योपैथिक चिकित्सक और नैनो होम्योपैथी के प्रमुख डॉ मोहन सिंह, ज्योतिषी धीरेंद्र पाण्डेय नेता कर्मचारी संघ बच्चा लाल के साथ समिति के सदस्य डॉ. रूपेश पांडे, डॉ. देवेंद्र शुक्ला, डॉ. लुबना कमाल, डॉ. अमित मेहरोत्रा, मिताली मेहरोत्रा और होम्योपैथी के छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे.