आगरा. आगरा के पिनाहट स्थित चंबल क्षेत्र में करकोली और अन्य कई गांवों के लोग कई रातों से चैन की नींद नहीं ले पा रहे हैं. उनकी नींद उड़ने का कारण चंबल नदी किनारे घूमने वाले तेंदुओं की दहशत है. तेंदुओं की दहशत की वजह से लोगों की नींद उड़ गई है. करीब तीन से चार दिनों में तेंदुए ने 5 से 6 घरेलू जानवरों पर हमला किया है. वन विभाग की टीम लगातार लोगों को महत्वपूर्ण निर्देश दे रही है और लोगों से कह रही है कि वे अपने जानवरों को घर के अंदर बांधें. उनकी सुरक्षा के लिए उचित देखभाल करें.
आगरा की चंबल नदी के किनारे मौजूद थाना पिनाहट और मनसुखपुरा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में करीब चार दिनों से तेंदुओं की दहशत बरकरार है. लोग तेंदुओं की दहशत के साए में जीने मजबूर हैं. करीब तीन से चार दिनों से क्षेत्र में घूम रहे तेंदुए ने ग्रामीणों के पालतू जानवरों पर हमला कर चुका है. ऐसे में करीब 3 से 4 जानवरों की मौत भी हो चुकी है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की है और वन विभाग लगातार अपनी टीम के साथ रात भर क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है. जिससे कि कोई भी मानव या पशु तेंदुओं का शिकार नहीं हो सके.
रविवार की देर रात को थाना पिनाहट क्षेत्र के गांव पड़वा पूरा में एक आश्रम में तीन से चार बछड़े बंधे हुए थे. इसी दौरान क्षेत्र में घूमते हुए तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. गनीमत है कि आश्रम में मौजूद संतों ने यह सब देख लिया और लाठी डंडों से डराकर तेंदुओं को वहां से भगाया. जिससे बच्चों की जान बच गई. क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि वन विभाग को इसकी जानकारी भी दी गई है, लेकिन वन विभाग द्वारा कुछ समय के लिए घूमने के बाद भी तेंदुओं को पकड़ने में सफलता नहीं मिली.
अभी तक तेंदुओं की संख्या का पता नहीं चला है. कई जगहों पर उनके पैरों के छोटे बड़े चिन्ह मिले हैं. फुट मार्क लखनऊ भेज दिया गया है. रिपोर्ट के आने के बाद संख्या के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी.
उदय प्रताप सिंह, वन क्षेत्र अधिकारी
हालांकि वन विभाग के वन क्षेत्र अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि तेंदुओं से बचाव के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है.लोगों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे अपने पालतू जानवरों को खुले में नहीं बांधें, क्योंकि खुले में जानवर बंधे होने से तेंदुओं को उनका शिकार आसानी से मिल जाता है और वे गांव के आस-पास घूमते रहते हैं. वहीं, लोगों को बोला जा रहा है कि वे अपने घर के आस-पास आग भी जला दें, ताकि तेंदुओं को डर लगे और वे दूर चले जाएं. साथ ही, वन विभाग भी लगातार आतिशबाजी और बारूद चला रहा है, ताकि तेंदुओं को घूमने का आदिक्षिकार न रहे. वन विभाग की 15 लोगों की टीम भी लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही है.