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UP News: अमौसी एयरपोर्ट पर रेडियो एक्टिव पदार्थ लीक होने की सूचना से हड़कंप!

UP News: चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में एक पार्सल से जांच में बीप की आवाज आने से हड़कंप मच गया. पार्सल को खोला गया तो उसमें इलाज में इस्तेमाल किया जाने वाला रेडियो एक्टिव पदार्थ निकला.

लखनऊ: यूपी में (UP News) चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ पर शनिवार सुबह हड़कंप मचा रहा. एक पार्सल की जांच में बीप की आवाज आने से ये स्थिति बनी. पार्सल की जांच की गई तो पता चला कि उसमें कोई ऐसे वस्तु है, जो संदिग्ध है और उसे लोड नहीं किया जा सकता है. इसी बीच पार्सल की जांच करने वाले कर्मचारियों के बेहोश होने की अफवाह भी फैल गई. मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम पहुंची. जांच में सब कुछ सामान्य पाने का दावा किया जा रहा है.

कार्गो टर्मिनल में हो रही थी कंटेनर की जांच

लखनऊ एयरपोर्ट (Amausi Airport) पर कार्गो टर्मिनल साइड कंटेनर की स्कैनिंग चल रही थी. ये कंटेनर लखनऊ से गुवाहाटी जाने वाली फ्लाइट में रखा जाना था. जांच के दौरान अचानक एक पार्सल की जांच में स्कैनिंग डिवाइस से बीप की आवाज आई. इससे स्कैनिंग करने वाले कर्मचारियों ने संदिग्ध वस्तु होने की आशंका जताई. अधिकारियों को इसकी सूचना देकर पार्सल को खोला गया, तो पाया गया कि उसके कैंसर रोधी रेडियो एक्टवि दवाएं थीं. इसी के चलते जांच में बीप की आवाज आई थी. पार्सल को खोलने के दौरान कर्मचारियों के बेहोश की अफवाह भी फैल गई. लेकिन एयपोर्ट प्रशासन ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है. हालांकि कर्मचारियों को आइसोलेट किया गया है.

किसी तरह का नुकसान नहीं: एयरपोर्ट प्रशासन

चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट (Chaudhary Charan Singh International Airport) प्रशासन का कहना है कि रेडियो एक्टिव सामग्री के कारण अलार्म बज गया था. इसके बाद एनडीआरएफ को इसकी सूचना दी गई. जांच में पता चला कि इससे किसी तरह से जनहानि नहीं होगी. एयरपोर्ट का संचालन पूरी तरह से जारी है. रेडियो एक्टिव दवा परिवहन के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और उससे निकलने वाला विकिरण अनुमन्य सीमा के अंदर है.

कैंसर के इलाज की दवाएं थीं

एसडीआरएफ के कमांडेंट मिथलेश कुमार तिवारी का कहना है कि उन्हें लगभग 9 बजकर 50 मिनट पर सूचना मिली थी. मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस व फायर की टीमें पहुंची. जांच में किसी तरह का कोई लीकेज नहीं मिला. हमेशा की तरह कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भेजी जा रही थी. जिसमे फ़्लोरिन का इस्तेमाल होता है. किसी तरह का किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. रेडिएशन ऑफिसर सौम्या श्रीवास्तव का कहना है कि हमें रेडियो एक्टिव पदार्थ की सूचना मिली थी. मौके पर जांच की तो ऐसा कुछ नहीं पाया गया. कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों में रेडिएशन होता है.

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