लखनऊ: कुकरैल नदी (नाला) के किनारे बसे पंत नगर, रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ नगर के निवासियों ने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की. सभी ने कुकरैल नदी पुनर्जीवन परियोजना के कारण इन इलाकों के लगभग 1000 मकानों को तोड़ने के लिए एलडीए और सिंचाई विभाग के लाल निशान लगाने की जानकारी दी. साथ ही अपनी समस्याओं के बारे में बताया. मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को सुना और समाधान किया.
जनता में भय फैलाने वालों की जवाबदेही होगी तय
सीएम योगी ने कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवास कर रहे लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है. फ्लड प्लेन ज़ोन में निजी भूमि भी शामिल है. लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है. निजी भूमि पर बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है। यही नहीं, उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है. इसका कोई औचित्य नहीं था. इसके लिए जवाबदेही तय की जाए.
निजी भूमि पर बने भवन मुआवजा देकर अधिग्रहीत होंगे
मुख्यमंत्री ने पंत नगर, रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ नगर में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें. लोगों से मिलें और उनका भय और भ्रम दूर करें. प्रभावित परिवारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है. जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद खुश परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया.
एनजीटी के आदेश पर हो रही कार्रवाई
कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुर्नजीवित करने के लिए सिंचाई विभाग ने एनजीटी के आदेशों के अनुसार नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया है. नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (NMCG) की अधिसूचना-2016 के क्रम में ये कार्रवाई की जा रही है. कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किए गए हैं. पहला, नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन. रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में और फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग ने चिन्हित किया है. फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन में कई झूठे तथ्यों को प्रचारित किया जा रहा था. जिसे लेकर स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था.
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