UP News: नियम बदला, अब इन लोगों की मौत के बाद आश्रितों को नहीं मिलेगी आर्थिक मदद
UP News: ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य की मौत पर पंचायत सचिव प्रमाण पत्र जारी करेंगे. वहीं, ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी की मौत पर बीडीओ, जिला पंचायत अध्यक्ष और डीडीसी की मौत पर एएमए प्रमाण पत्र जारी करेंगे.
UP News: उत्तर प्रदेश में अब पंचायत प्रतिनिधि यानी ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य की मौत के बाद उनके आश्रितों को नौकरी नहीं दी जाएगी. यह नियम तभी लागू होगा, जब मौत आत्महत्या या आपराधिक घटनाओं में शामिल होने के कारण हुई हो. सरकार की ओर से जारी नए दिशा निर्देशों में यह बात साफ हो गई है.
अगर किसी पंचायत प्रतिनिधि की मौत होती है, तो उनके आश्रित prdfinance.up.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. यह वेबसाइट वित्त आयोग की है. इसके जरिए आवेदन कर मृतकों के आश्रित कल्याण कोष से सहायता राशि पा सकते हैं. अगर आकस्मिक मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और यदि प्राकृतिक मौत हुई हो तो मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होगा.
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पंचायत प्रतिनिधि की मौत पर ये लोग जारी करेंगे प्रमाण पत्र
ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य की मौत पर पंचायत सचिव प्रमाण पत्र जारी करेंगे. वहीं, ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी की मौत पर बीडीओ, जिला पंचायत अध्यक्ष और डीडीसी की मौत पर एएमए प्रमाण पत्र जारी करेंगे.
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आवेदन की डीपीआरओ स्तर पर होगी जांच
आश्रितों के द्वारा किये गये आवेदन की डीपीआरओ स्तर पर जांच होगी. इसके बाद जिलाधिकारी से स्वीकृति ली जाएगी. फिर आवेदन को निदेशालय भेजा जाएगा. इसके बाद आश्रितों के खाते में सहायता राशि भेजी जाएगी.
50 करोड़ की लागत से स्थापित होगा रिवाल्विंग फंड
मिली जानकारी के मुताबिक, 50 करोड़ रुपये की लागत से पंचायत कल्याण कोष के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना की जाएगी. नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायेंगे. इसके अलावा, पंचायत कल्याण कोष प्रकोष्ठ निदेशालय स्तर पर स्थापित किया जाएगा.
बता दें, अभी जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान की मौत पर 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य की मौत पर पांच लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य की मौत पर तीन लाख और ग्राम पंचायत सदस्य की मौत पर दो लाख रुपये की सहायता राशि आश्रितों की दी जाती है.