UP News: लेटरल एंट्री के खिलाफ समाजवादी पार्टी करेगी आंदोलन, अखिलेश यादव ने युवाओं से किया आह्वान

UP News: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव और उप सचिव के 45 पदों पर भर्ती के लिए लेटरल एंट्री का विज्ञापन जारी किया है. समाजवादी पार्टी इसका विरोध कर रही है.

By Amit Yadav | August 18, 2024 11:57 AM
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लेटरल एंट्री को लेकर अपना विरोध जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जारी एक संदेश में अपना रोष व्यक्त किया है. अखिलेश यादव ने लिखा है कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है. उसके ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है. देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस न ले तो आगामी 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े हों.

पीडीए से आरक्षण और अधिकार छीनने की चाल

अखिलेश यादव ने लिखा है कि ये तरीक़ा (लेटरल एंट्रीद्ध आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा. आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे. उन्होंने लिखा कि दरअसल से सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है. अब जब भाजपा ये जान गयी है कि संविधान को ख़त्म करने की भाजपाई चाल के ख़िलाफ़ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है.

बीजेपी सरकार वापस ले फैसला

उन्होंने मांग की है कि भाजपा सरकार इसे तत्काल वापस ले क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है. भाजपा अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है. सरकारी कृपा से अधिकारी बने ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते. ऐसे लोगों की सत्यनिष्ठा पर भी हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा. सरकारी तंत्र पर कारपोरेट के क़ब्ज़े को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. क्योंकि कारपोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कमाने की होती है.

देश के विरुद्ध षडयंत्र

सपा अध्यक्ष (Samajwadi Party News) ने कहा कि ऐसी सोच दूसरे के शोषण पर निर्भर करती है. जबकि हमारी समाजवादी सोच गरीब, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, अपना छोटा-मोटा काम-कारोबार-दुकान करनेवाली आम जनता के पोषण और कल्याण की है. ये देश के विरुद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है.

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