लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एसएमई और ओडीओपी सेक्टर भी रोजगार के बड़े स्रोत बनकर उभरे हैं. सरकारी नौकरी के साथ- साथ स्वरोजगार और निजी क्षेत्रों के रोजगारों में जोड़ने की पहल की दिशा में काम कर रही योगी सरकार ने अब तक 5 हजार से भी ज्यादा रोजगार मेलों का आयोजन किया है. विभिन्न सेक्टर्स में लाखों युवाओं को रोजगारों से जोड़ा जा चुका है.एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर में अबतक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के क्षेत्र में कार्य कर रही 96 लाख इकाइयों में केवल बीते वित्तीय वर्ष में ही 6,94,751 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है. वहीं एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के क्षेत्र में 1,35,250 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है. दोनों सेक्टर्स में कुल कामगारों की बात करें तो ये संख्या लगभग तीन करोड़ तक पहुंचती है. इसके अलावा 5021 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 7,29,064 युवाओं को रोजगार दिलाने का कार्य योगी सरकार की ओर से किया गया है. प्रदेश सरकार अब यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए 36 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने में जुटी हुई है. इसके बाद प्रदेश में 95 लाख रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो जाएगा. इनमें से भी ज्यादातर रोजगार एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर में ही होने की संभावना है, जो बड़ी औद्योगिक इकाइयों को रॉ मैटेरियल, सेवाएं और मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगी.
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6 साल में तकरीबन 6 लाख युवाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरी प्रदान करने वाली योगी सरकार का सबसे अधिक जोर इस बात पर भी है कि युवाओं को स्किल्ड बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए. फिर चाहे 150 आईटीआई को टाटा ग्रुप के साथ मिलकर अपग्रेड करने की पहल हो या विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के साथ गांव के पारंपरिक शिल्प के क्षेत्र में कार्य रहे 1,73,386 कामगारों के स्किल को निखारकर उन्हें उचित मंच प्रदान करना. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश के सभी गांवों में मॉल की तर्ज पर विश्वकर्मा संकुल के निर्माण के निर्देश दिये हैं, जिससे गांव में ही श्रमिकों और कामगारों को रोजगार प्राप्त करने के लिए उचित स्थान मिल सके.
6 लाख सरकारी नौकरियों को छोड़ दें तो प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7500 स्टार्टअप्स भी संचालित हैं. इन्होंने पीजाआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर और नोएडा में एआई के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया है. यही नहीं मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 51 हजार से अधिक युवाओं का उद्योगों एवं अधिष्ठानों में पजीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर रोजगार के द्वार खोल रहा है. इसी प्रकार अगर प्रदेश के विभिन्न आईटीआई की बात करें तो योगी सरकार के दौरान अबतक 25 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इनमें से 10.20 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो चुका है. इसके अलावा बाकी बचे ज्यादातर युवा स्वरोजगार के जरिए अन्य युवाओं को नौकरियां दे रहे हैं. योगी सरकार इंडस्ट्री 4.0 के अनुसार नये उभरते हुए क्षेत्रों में भी प्रदेश के युवाओं को ट्रेंड कर रही है. इसके तहत आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड कम्प्यूटिंग, रोबॉटिक्स जैसे क्षेत्रों में यूपी के युवाओं को स्किल्ड बनाया जा रहा है, जिससे उनके सामने बदलती दुनिया के नये जॉब सेक्टर्स के द्वार खुल सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि 6 साल के कार्यकाल में प्रदेश में अबतक निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के अन्तर्गत विभिन्न आयोगों एवं भर्ती बोर्ड द्वारा तबरीबन 6 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. इनमें भी एक लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी योगी सरकार ने प्रदान की गई है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते वित्तीय वर्ष में पारदर्शी प्रक्रिया के अन्तर्गत 12,236 पदों के सापेक्ष 9000 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. प्रत्येक कार्य दिवस में औसतन 47 पदों की चयन प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है.
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