माधव बाबू कौन हैं, जिनके नाम पर सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर से 7 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे. सीएम योगी का कहना है कि सिद्धार्थनगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखा जाएगा.
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को सिद्धार्थनगर पहुंचे. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि पीएम स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज की श्रृंखला जोड़ी जा रही है. पहले पूर्वी यूपी में एक मात्र BRD मेडिकल कॉलेज था. आज गोरखपुर में AIIMS बनकर लगभग तैयार है. अगले एक-डेढ़ महीने में प्रधानमंत्री के कर-कमलों से इसका उद्घाटन भी होगा.
Prime Minister Narendra Modi will inaugurate 7 new medical colleges in Siddharthnagar district. This inaugural program has been scheduled for October 25: CM Yogi Adityanath
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 16, 2021
सीएम योगी ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों को एमसीआई की मान्यता भी मिल गयी है. इन कॉलेजों में नीट के माध्यम से एडमिशन होंगे. पीएम मोदी 25 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर के साथ ही एटा, हरदोई, गाजीपुर, मीरजापुर, देवरिया और प्रतापगढ़ में स्थित मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे.
सीएम योगी ने कहा कि 02 वर्ष पहले मैंने सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत जनपद को मेडिकल कॉलेज प्राप्त हुआ है. मेडिकल कॉलेज माधव बाबू के नाम पर होगा, जो बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने प्रदेश के 07 मेडिकल कॉलेज को मान्यता दे दी है, जिसमें हर मेडिकल कॉलेज में 100 एडमिशन होंगे. इसमें सिद्धार्थनगर का मेडिकल कॉलेज भी शामिल है, जो अपने पहले सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है. यहां पर कक्षाएं प्रारंभ होंगी.
माधव बाबू के बारे में महत्वपूर्ण बातें
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माधव प्रसाद त्रिपाठी यानी माधव बाबू भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य और भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रथम अध्यक्ष थे.
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माधव बाबू का जन्म अविभाजित बस्ती जिले के बांसी तहसील के तिवारीपुर गांव में वर्ष 1917 में हुआ था.
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माधव बाबू के दो बड़े और एक छोटे भाई थे.
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बड़े भाई कमलादत्त त्रिपाठी ने बस्ती में चिकित्सा सेवा शुरू की तो दूसरे भाई वशिष्ठ दत्त त्रिपाठी ने व्यवसाय करना शुरू किया.
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छोटे भाई उमेश मणि त्रिपाठी वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में उपाचार्य बने.
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माधव बाबू ने काशी विश्वविद्यालय से स्नातक और विधि स्नातक की उपाधि हासिल की.
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उन्होंने बाद में बस्ती में वकालत करनी शुरू कर दी.
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माधव बाबू घुड़सवारी के शौकीन थे.
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वर्ष 1940 में नानाजी देशमुख की प्रेरणा से उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ग्रहण की.
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वर्ष 1941 में उन्हें नगर संघ चालक बना दिया गया.
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कुछ ही वर्षों में उन्हें जिला संघ चालक जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी गई.
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संगठन के प्रति निष्ठा से प्रभावित होकर 1951-52 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया.
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पहले आम चुनाव में वे भारतीय जनसंघ से चुनाव मैदान में उतरे, मगर चुनाव हार गये.
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वर्ष 1958 में उन्हें विधान परिषद सदस्य चुना गया.
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वर्ष 1962 में वे पहली बार विधायक बने.
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माधव बाबू एक बार कृषि मंत्री भी रहे.
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1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें करीब 19 माह तक जेल में रहना पड़ा था.
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आपातकाल के बाद भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी का विलय हुआ तो वे 1977 में डुमरियागंज के सांसद चुने गए.
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छह अप्रैल 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तो उन्हें उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी.
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वर्ष 1984 में जन्माष्टमी के दिन संगठन के कार्यक्रम में जाते समय लखनऊ में उनकी मौत हुई.
Posted By: Achyut Kumar