लखनऊ: यूपी में निकाय चुनाव की तैयारियां में फिर से तेजी आएगी. पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरुवार शाम को सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिये सीटों का आरक्षण तय होगा. आयोग को यह रिपोर्ट देने के लिये 31 मार्च का समय दिया गया था. लेकिन पहले ही रिपोर्ट तैयार हो गयी है. शुक्रवार को कैबिनेट में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
यूपी सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट के रिटायर जज राम औतार सिंह की अध्यक्षता में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिये पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था. आयोग ने सभी 75 जिलों में जाकर पिछड़ों की आबादी का सर्वे कराया. रैपिड सर्वे के पिछड़ी जाति के आंकड़ों, पहले की आरक्षण सूची, चक्रानुक्रम प्रक्रिया की जानकारी ली. इसी आधार पर आयोग ने 350 पेज की रिपोर्ट बनाकर सीएम योगी को सौंपी है.
यूपी में निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग की आरक्षण सूची पर आपत्तियां की गयी थी. इस मामले में कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की गयी थीं. हाईकोर्ट ने इसके बाद बिना आरक्षण के चुनाव कराने के निर्देश दिये थे. इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी थी और उसे 31 मार्च 2023 तक पूर्व में सुप्रीम में दी गयी व्यवस्था के आधार पर सर्वे कराकर निकाय चुनाव में आरक्षण देने का आदेश दिया गया था.
यूपी में निकाय चुनाव कराने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने के बाद सरकार चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी. साथ ही मेयर व निकाय अध्यक्ष के पद सहित अन्य सीटों पर आरक्षण का कार्य भी शुरू हो जाएगा. माना जा रहा है कि 20 दिन पहले रिपोर्ट मिलने से सरकार को राहत मिली है. इसी माह आरक्षण देने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
इसके बाद जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी. आरक्षण सूची को अंतिम रूप देने के बाद चुनाव की तारीखों ऐलान हो सकता है. सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपने के दौरान आयोग के सदस्यों के अलावा नगर विकास मंत्री एके शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात मौजूद थे.