यूपी निकाय चुनाव: दावेदारों की नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेने को भीड़, नामांकन की तैयारियां शुरू, ये नहीं लड़ पाएंगे

यूपी निकाय चुनाव: नामांकन पत्र में निकायों के बकाया टैक्स का नो ड्यूज लगेगा. इसलिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के दफ्तरों में दावेदारों की नो ड्यूज लेने को लंबी भीड़ लगने लगी है. मगर, लोगों को नो ड्यूज नहीं मिल पा रहा है. इससे वह काफी परेशान हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 9, 2023 10:41 AM

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. शासन ने चुनाव का आरक्षण भी जारी कर दिया है. जिसके चलते नगर निगम के मेयर, पार्षद, नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन) और सभासद पद के दावेदार टिकट के साथ ही नामांकन की तैयारी में जुट गए हैं.

नामांकन पत्र में निकायों के बकाया टैक्स का नो ड्यूज लगेगा. इसलिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के दफ्तरों में दावेदारों की नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेने को लंबी भीड़ लगने लगी है. मगर, लोगों को नो ड्यूज नहीं मिल पा रहा है. इससे वह काफी परेशान हैं. दावेदारों के नो ड्यूज से नगर निकायों के खजाने में इजाफा होगा.

नो ड्यूज न होने पर रद्द हो जाएगा नामांकन पत्र

निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पर किसी तरह का सरकारी देय बकाया नहीं हो चाहिए. इसके लिए नामांकन में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र लगता है. इस समय चुनाव लड़ने के लिए तमाम लोग सक्रिय हैं. वर्षों से हाउस टैक्स, जमा नहीं करने वाले लोग भी टैक्स जमा कर रहे हैं. इसके साथ ही नो ड्यूज प्रमाण पत्र होने के बाद ही नामांकन पत्र जमा हो सकेगा.

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महापौर, नगर पालिका व नपं अध्‍यक्ष के लिए होनी चाहिए 30 वर्ष आयु

नगर निगम के महापौर पद, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 30 वर्ष की आयु होना जरूरी है. इसी प्रकार नगर निगम के पार्षद, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए 21 वर्ष की आयु होनी चाहिए. इसके लिए आयु का प्रमाण पत्र देना होगा.इसमें गड़बड़ी होने पर नामांकन रद्द भी हो सकता है.

ये नहीं लड़ सकते निकाय चुनाव

निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार अगर कोई दिवालिया हो, नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता. इसके साथ ही राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में होने या जिला सरकारी काउंसिल, अपर या सहायक जिला सरकारी काउंसिल, अवैतनिक मजिस्ट्रेट, अवैतनिक मुंसिफ होने पर चुनाव में उम्मीदवार नहीं बना जा सकता. वह व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता है, जो किसी सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार या राजद्रोह करते हुए पदच्युत हुआ हो.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली

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