Loading election data...

शाहजहांपुर: नगर पालिका में सपा की थी बादशाहत, पहले मेयर के लिए भी चलेगा दांव या भाजपा की सेंधमारी होगी सफल

शाहजहांपुर में भाजपा के जहां तीन दिग्गज मंत्रियों वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर की साख दांव पर लगी है तो वहीं सपा के सामने चार बार पालिकाध्यक्ष की जीती हुई सीट बचाने की लड़ाई है.

By Sanjay Singh | May 11, 2023 2:02 PM

यूपी निकाय चुनाव को लेकर शाहजहांपुर में पहली बार मेयर पद के लिए गुरुवार को मतदान जारी है. अभी तक शाहजहांपुर नगरपालिका होने के कारण यहां पालिका अध्यक्ष चुने जाते थे. भाजपा और सपा दोनों के लिए यहां के मेयर की सीट प्रतिष्ठा से भी जुड़ी है.

मंत्रियों की साख का सवाल

भाजपा में जहां शाहजहांपुर से तीन दिग्गज मंत्रियों वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर की साख दांव पर लगी है तो वहीं सपा के सामने चार बार पालिकाध्यक्ष की जीती हुई सीट बचाने की लड़ाई है. नगर निगम घोषित होने से पहले शाहजहांपुर नगर पालिका में लगातार चार बार से समाजवादी पार्टी का कब्जा था.

भाजपा ने इस तरह दिया सपा को झटका

दरअसल निकाय चुनाव की घोषणा के बाद सपा ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना वर्मा को महापौर प्रत्याशी घोषित किया था. माना जा रहा था कि अर्चना वर्मा इस बार मेयर पद के चुनाव में एक बार फिर सपा की ओर से दमदार उपस्थिति दर्ज कराएंगी. भाजपा खेमे में अर्चना वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद किसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली. नामांकन की आखिरी तारीख तक सपा को खुद भाजपा के दांव का आभास तक नहीं हुआ. इसके बाद अचानक 23 अप्रैल को कहानी ही पलट गई. अर्चना वर्मा ने सपा को करारा झटका देते हुए लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और पार्टी ने उन्हें मेयर प्रत्याशी भी घोषित कर दिया.

Also Read: UP: सियासी दलों का निकाय चुनाव पर रहा फोकस, स्वार और छानबे विधानसभा सीट पर नहीं निकले वोटर, अब किसी होगी जीत?
अर्चना वर्मा को इस तरह मिला लाभ

भाजपा के इस वार से तिलमिलाए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनके पास कोई प्रत्याशी ही नहीं था. इसलिए उन्होंने सपा की प्रत्याशी को तोड़ लिया. इसके बाद सपा ने रात में ही माला राठौर को अपना प्रत्याशी घोषित करते हुए अगले दिन नामांकन दाखिल कराया. हालांकि इसके बावजूद भाजपा लाभ की स्थिति में रही, क्योंकि अर्चना वर्मा पुराना चेहरा होने के साथ ही पहले से चुनाव प्रचार में जुटी थी. वहीं भाजपा का साथ मिलने से उन्हें और मदद मिली. भाजपा ने तमाम बड़े नेताओं को बुलाकर अर्चना वर्मा के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश की.

माला राठौर को नहीं मिला अपनों का साथ

दूसरी ओर सपा को अचानक तैयारी करनी पड़ी. माला राठौर को समय नहीं मिला और लोगों के बीच भी उनकी उपस्थिति बेहद कम थी. हालत ये रही कि उनके लिए सपा के स्थानीय नेता तक प्रचार करने बाहर नहीं निकले. ऐसे में माला को अपनों का ही साथ ठीक तरह से नहीं मिला. वहीं मेयर पद के अन्य प्रत्याशियों में कांग्रेस से निकहत इकबाल और बसपा से शगुफ्ता अंजुम मैदान में हैं. गुरुवार को वोट देने के बाद मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे में 13 मई को नतीजे का इंतजार है. वहीं अगर भाजपा अपनी सेंधमारी की रणनीति में सफल होती है तो शाहजहांपुर का पहला मेयर उसकी पार्टी से होगा, जब​कि अगर सपा या अन्य विपक्षी दल जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल होते हैं तो सत्तारूढ़ दल के अरमानों पर पानी फिर सकता है.

Next Article

Exit mobile version