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यूपी में अब सोलर बोट का लीजिए आनंद, इन चार शहरों से होगी शुरुआत, यहां तैयार किया जा रहा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट

योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि अभी तक सरकारी क्षेत्र में देश के किसी भी राज्य में सोलर बोट की सुविधा नहीं दी गई है. इस तरह की पहल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा. आने वाले दिनों में हर नदी के किनारे बसे शहरों में सोलर बोट का संचालन करने का प्रयास है.

Lucknow: यूपी में जल परिवहन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने अहम फैसला किया है. प्रदेश में नदियों, झीलों और जलाशयों के किनारे स्थित प्रमुख तीर्थ स्थलों पर सोलर बोट संचालित की जाएगी. पहले चरण में प्रमुख तीर्थ शहरों अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और विन्ध्यवासिनी धाम में यह सेवा शुरू की जाएगी.

यूपी के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह बताया कि सोलर बोट सेवा के विधिवत संचालन के लिए अयोध्या में एक जेटी का निर्माण किया जाएगा और गंतव्य स्थलों पर नावों के चार्जिंग की व्यवस्था कराई जाएगी.

प्राचीन काल से हमारे प्रदेश की नदियां आस्था के साथ ही अर्थव्यवस्था से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का केन्द्र रही हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार ने वाटर स्पोर्ट्स और जल परिवहन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाली नावों को संचालित करने का निर्णय किया है.

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सोलर बोट के संचालन से हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा के साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने में मदद मिलेगी. जयवीर सिंह ने बताया कि प्रयोग के तौर पर यूपी नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी 17 सोलर बोट उपलब्ध कराएगी. इसका संचालन पर्यटन विभाग करेगा. इन नावों के संचालन से मिलने वाले राजस्व में दोनों विभागों की बराबर की हिस्सेदारी होगी.

सोलर बोट की सफलता और लोकप्रियता के चलते मछुआ समुदाय भी सौर ऊर्जा चालित नावों को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित होगा. इसके साथ ही जल मार्गों का विकास होगा. साथ ही सोलर बोट से जुड़े हुए गन्तव्य स्थलों पर नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था होने से प्रदूषण को कम से कम करने में मदद मिलेगी.

खास बात है कि सोलर बोट के संचालन का निर्णय करने वाला यूपी पहला राज्य है. राज्य सरकार की यह बहुआयामी परियोजना है. इससे काशी, प्रयागराज, अयोध्या और मथुरा जैसे शहरों में देशी-विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. साथ ही राज्य सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा.

प्रयागराज में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट

इसके साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वाराणसी में टेंट सिटी स्थापित की जाएगी और प्रयागराज में तैरता हुआ रेस्टोरेंट संचालित किया जाएगा. इसमें अलग-अलग जायके का तो लुत्फ उठाने के साथ पार्टी भी की जा सकेगी. अधिकारियों के मुताबिक यह रेस्टोरेंट साल में नौ महीने पर्यटकों के लिए खुला रहेगा. वहीं, बाढ़ के दिनों में तीन महीने के लिए इसे किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा. इस रेस्टोरेंट के संचालन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन एवं विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) की होगी.

बोट में 30 लोगों के बैठने की सुविधा

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले चरण में एक सोलर बोट वाराणसी और दो अयोध्या में संचालित की जाएगी. इस बोट में 30 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता होगी तथा 15 किलोमीटर प्रतिघंटा इनकी रफ्तार होगी. इन नावों की कीमत 1.05 करोड़ रुपये होगी. नेडा और उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन एवं विकास निगम लिमिटेड के बीच हाल ही में सौर ऊर्जा से चलने वाले नावों के संचालन को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

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