UP Panchayat Chunav 2021: हाई कोर्ट के फैसले के बाद बदल गया पूरा समीकरण, 25 फीसदी से ज्यादा सीटों पर बदलाव संभव
UP Panchayat Chunav 2021 लखनऊ : यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद पूरा राजनीतिक समीकरण बदल सा गया है. जिला प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और जिला परिषद सदस्य के 25 फीसदी से ज्यादा सीटें बदल जाने की उम्मीद है. हाईकोर्ट ने 2015 को आधार मानकर आरक्षण की सूची तैयार करने का आदेश दिया है. इसके बाद जो पद आरक्षित हैं, वह अनारक्षित हो सकते हैं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद पंचायत चुनाव का समीकरण गड़बड़ाया.
27 मार्च तक आरक्षण सूची तैयार करने और 25 मई तक चुनाव कराने का आदेश.
2015 को आधार मानकर आरक्षण की नयी सूची तैयार करेगी सरकार.
UP Panchayat Chunav 2021 लखनऊ : यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद पूरा राजनीतिक समीकरण बदल सा गया है. जिला प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और जिला परिषद सदस्य के 25 फीसदी से ज्यादा सीटें बदल जाने की उम्मीद है. हाईकोर्ट ने 2015 को आधार मानकर आरक्षण की सूची तैयार करने का आदेश दिया है. इसके बाद जो पद आरक्षित हैं, वह अनारक्षित हो सकते हैं.
कोर्ट के आदेश के बाद पंचायती राज विभाग और जिला प्रशासन तैयारी में जुट गये हैं. सरकार की ओर से जैसे ही आदेश मिलेगा विभाग आरक्षण सूची बनाने में जुट जायेगी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहीं घोर निराशा तो कहीं खुशी देखी जा रही है. कई उम्मीदवार जो जीत की आस लगाए बैठे थे, हो सकता है अब वह चुनाव ही नहीं लड़ पाएं. यही हाल पार्टियों का है. पार्टियों को पहले से तय उम्मीदवारों को बदलना पड़ सकता है.
आपत्ति दर्ज कराने के लिए कम मिलेगा समय
हाईकोर्ट ने 27 मार्च तक आरक्षण सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. साथ ही सरकार को 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पूरा करा लेने के लिए भी कहा है. ऐसे में लोगों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए काफी कम समय मिलेगा. पंचायतीराज विभाग का कहना है कि सबसे ज्यादा समय ग्राम पंचायतों के वार्ड की आरक्षण सूची तैयार करने में लगता है. विभाग का कहना है सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिसूचना नहीं आई है, जैसे ही आदेश मिलेगा आरक्षण सूची बनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा.
आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में सरकार की ओर से जो आरक्षण सूची जारी की गयी थी उसपर करीब 830 लोगों ने आपत्तियां दर्ज करायी थी. हालांकि, अब उन आपत्तियों पर सुनवाई के कोई मायने नहीं हैं. जब नयी सूची जारी होगी तब भी लोगों को आपत्तियां दर्ज कराने का मौका मिलेगा, लेकिन काफी कम समय के लिए. आरक्षण का गणित बदलने से महिला के लिए आरक्षित सीटों पर पुरुष चुनाव लड़ सकते हैं या वह किसी जाति के लिए भी आरक्षित हो सकती है.
आरंभिक आरक्षण सूची में ऐसी थी स्थिति
ग्राम प्रधान के कुल पद : 1294
अनारक्षित : 437 सीट.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 287 सीट.
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 356 सीट.
महिला के लिए आरक्षित : 208 सीट.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : 06 सीट.
जिला पंचायत सदस्य के कुल सीट : 68
अनारक्षित : 23 सीट.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 16 सीट.
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 18 सीट.
महिला के लिए आरक्षित : 11 सीट.
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प्रखंड प्रमुख के कुल पद : 20
अनारक्षित : 07 सीट.
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित : 06 सीट.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 04 सीट.
महिला के लिए आरक्षित : 03 सीट.
पंचायत सदस्य के कुल पद : 1700
अनारक्षित : 572 पद.
महिला के लिए आरक्षित : 272 पद.
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित : 449 पद.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 405 पद.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : 02 पद.
ग्राम पंचायत सदस्य के कुल पद : 16372
अनारक्षित : 6193 पद.
महिला के लिए आरक्षित : 2502 पद.
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 3640 पद.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 3996 पद.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : 41 पद.
जैसे ही हाई कोर्ट का फैसला आया लोग 2015 की आरक्षण सूची खंगालने लगे हैं. अभी जो आरक्षण सूची जारी की गयी थी वह 1995 को आधार मानकर बनायी गयी थी. इसपर भी कई सीटों पर लोगों को आपत्ति थी. अंतिम रूप से आरक्षण सूची 14 मार्च को जारी होनी थी. लेकिन इससे पहले ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी और फैसला भी आ गया.
Posted By: Amlesh Nandan.