लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर, 2020 को रात 12 बजे खत्म हो जायेगा. इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों को प्रदत्त अधिकार भी समाप्त हो जायेंगे. इससे ग्राम प्रधानों का वित्तीय अधिकार भी समाप्त हो जायेगा. ग्राम प्रधान गांवों में केवल कार्य करा पायेंगे, जो पहले से संचालित हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों में आवंटित धनराशि के व्यय को लेकर ग्राम प्रधानों को चेकर के रूप में अधिकृत किया गया है. कार्यकाल समाप्त होने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने जिलास्तर पर कार्यवाही के निर्देश दिये हैं. कार्यकाल समाप्त होने के बाद सभी अधिकार पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत विभाग के अधिकारियों के पास आ जायेगा.
पंचायती राज विभाग के निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों द्वारा चेकर के रूप में कोई भी भुगतान 25 दिसंबर, 2020 के बाद ना किया जाये.
सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की डीएससी ई-ग्राम स्वराज पर 25 दिसंबर, 2020 की रात 12:00 बजे अनरजिस्टर्ड कर दिया जाये. साथ ही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) अपने विकास खंड की समस्त पंचायतों के ग्राम प्रधानों की डीएससी अनरजिस्टर्ड करना सुनिश्चित करेंगे.
ग्राम पंचायत की डीएससी का कैंसिलेशन पीएएमएस प्रणाली से एप्रूव होने के बाद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नामित चेकर की डीएससी ई-ग्राम स्वराज पर रजिस्टर्ड किया जाये.
साथ ही 25 दिसंबर, 2020 के बाद यदि ई-ग्राम स्वराज पर ग्राम प्रधान द्वारा कोई एफटीओ एप्रूव किया जाता है, इसके लिए संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, संबंधित विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) एवं जिला पंचायत राज अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे.
मालूम हो कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त होने के पूर्व ही चुनाव कराया जाना चाहिए था. लेकिन, कोरोना काल के कारण चुनाव में देरी हो गयी है. अब मार्च में चुनाव कराये जाने के संकेत मिल रहे हैं.