Kanpur Encounter case: विकास दुबे को पनाह देने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
Kanpur Encounter case चौबेपुर पुलिस ने कानपुर हत्याकांड में शामिल दो अपराधियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
लखनऊ : 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस ने उसके मददगारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शनिवार को चौबेपुर पुलिस ने कानपुर हत्याकांड में शामिल दो अपराधियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों लोगों को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है. दोनों के खिलाफ चौबेपुर थाने में मामला पंजीकृत कर लिया गया है.
Kanpur encounter: Kanpur's Chaubepur Police y'day arrested 2 people with criminal backgrounds – Om Prakash Pandey & Anil Pandey – for helping hide 2 wanted criminals – Shashikant Pandey & Shivam Dubey – at their residences in Gwalior of Madhya Pradesh. Further action being taken.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 11, 2020
कानपुर में ही मारा गया था अपराधी
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद आठ दिनों तक तीन राज्यों में विकास दुबे लुकाछिपी खेल खेलता रहा. इस दौरान एक-एक करके विकास दुबे के साथी पकड़े गये या एनकाउंटर में मारे गये. अंतत: शुक्रवार की सुबह कानपुर की सीमा में ही पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे भी मारा गया. पांच लाख का इनामी विकास दुबे 60 से अधिक मामलों में आरोपित था, लेकिन उसका ताजा अपराध आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का था. जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में दबिश देने के लिए दो जुलाई की देर रात पुलिस विकास के गांव बिकरू में पहुंची थी.
2004 में भी सीओ समेत पुलिस की टीम पर की थी फायरिंग
बीते दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस पर हुआ हमला पहला नहीं था. सच यह है कि वर्ष 2004 में ही इसका रिहर्सल हो चुका था. तब भी विकास दुबे के घर सीओ के नेतृत्व में पुलिस दबिश देने गयी थी. उस दिन भी पुलिस पर विकास ने फायरिंग की थी जिसके बाद पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा था.वर्ष 2004 का मामला बिठूर थाने में दर्ज एक एक मुकदमे का था. तब सीओ अब्दुल समद हुआ करते थे जो बाद में आइएएस हो गये. उस तारीख को पुलिस 4 बजे तड़के सुबह में गयी थी. पुलिस की टीम में शामिल कुछ दारोगा आज भी उस घटना को याद करते करते हुए सिहर उठते हैं.