लखनऊ. यूपी पुलिस के सिपाही हों अथवा दारोगा. ट्रेनों में अब टिकट लेकर ही चलेंगे. बिना टिकट चलने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. यूपी पुलिस की विभागीय कार्यवाही अलग से चलेगी. डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान के इस आदेश पर अमल कराने की जिम्मेदारी लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज , आगरा , गाजियाबाद के पुलिस आयुक्तों, सभी जिला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक , पुलिस अधीक्षक और रेल एसपी की होगी. डीजीपी ने सोमवार को इन सभी अधिकारियों को किसी पुलिस कर्मी द्वारा रेल यात्रा के नियमों का उल्लंघन करने अथवा रेल कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने पर विधिक और विभागीय कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है.
10 मार्च को भागलपुर से जम्मूतवी जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में यात्रा कर रहे पुलिस कर्मियों तथा टीटीई के मध्य वाद-विवाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. 14 मार्च को अर्चना एक्सप्रेस (12355 ) के टीटीई व पुलिस कर्मियों के बीच मारपीट हो गयी थी. इस संबंध में टीटीई ने थाना जीआरपी प्रतापगढ़ में मुकदमा (7/2023) दर्ज कराया था. डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान ने इन घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया है. उनका कहना है कि सरकारी कार्यों से यात्रा करने वाले पुलिस कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा यात्रा भत्ता दिया जाता है. ऐसे में प्रत्येक पुलिस कर्मी का उत्तरदायित्व है कि वह यात्रा के दौरान ऐसा कोई आचरण न करें, जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हो.
लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज , आगरा , गाजियाबाद के पुलिस आयुक्तों, सभी जिला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक , पुलिस अधीक्षक और रेल एसपी की जिम्मेदारी है कि उनके अधीनस्थ पुलिस कर्मी नियमानुसार रेल यात्रा करें. यदि किसी पुलिस कर्मी द्वारा रेल यात्रा के नियमों का उल्लंघन करने अथवा रेल कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया करने का मामला आए तो नियमानुसार विधिक और विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करें. ट्रेन में पुलिस कर्मियों एवं टीटीई के बीच बिना टिकट यात्रा को लेकर वाद-विवाद एवं दुर्व्यवहार की घटना प्रकाशित हुई हैं . सोशल मीडिया में भी वीडियो वायरल हुए हैं. इससे उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
पुलिस के आला अधिकारियों को संबोधित पत्र में डीजीपी एसके चौहान ने सभी को याद दिलाया है कि लाखों की संख्या में यात्री उत्तर प्रदेश से होकर आवागमन करते हैं. इन यात्रियों में देश के विभिन्न प्रान्त तथा विदेश के नागरिक भी होते हैं. यदि वर्दीधारी पुलिस कर्मी द्वारा रेल यात्रा के दौरान कोई अनुचित आचरण किया जाता है तो पुलिस की छवि प्रभावित होती है. उत्तर प्रदेश पुलिस एक अनुशासित बल है. इसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है.