UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से इसे लेकर प्रबुद्ध समाज तथा महाब्राह्मण समाज पंचायत में नेताओं के नाराजगी जताने का भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर कोई असर नहीं हुआ है. उन्होंने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है और इसे धोखा बताया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद सपा नेता एक बार फिर असहज स्थिति में हैं, वह इस बयान से किनारा कर रहे हैं. इसे स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ा जा रहा है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने ताजा बयान में कहा कि हिंदू एक धोखा है. वैसे भी 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है. यह जीवन जीने की एक शैली है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है. जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो भावनाएं आहत नहीं होतीं. लेकिन, अगर यही बात स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है.
मैनपुरी में सांसद डिंपल यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस तरह के बयानों पर कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुरू से ही कहा है यह उनके खुद के विचार है. यह पार्टी के विचार नहीं हैं. समाजवादी पार्टी उनके विचारों का समर्थन किसी भी रूप में नहीं करती है. वहीं सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा, ‘जो घर फूकें आपनो चले हमारे साथ’. आपकी बेटी बीजेपी से सांसद घोर सनातनी है. पहले उसे हिन्दू धर्म, सनातन धर्म की कमियों के बारे में समझा लेते. जब पांच वर्ष भाजपा से कैबिनेट मंत्री थे तब दो शब्द हिन्दू धर्म के बारे में मुंह से नहीं निकला. मुझे लगता है आप स्वामी जी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.
वहीं अयोध्या पहुंचे प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नेस्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म पर दिए विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि भगवान ने विपक्षी नेता का दिमाग अक्षम कर दिया है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या बोलें और क्या नहीं. सनातन को कोई कमजोर या मिटा नहीं सकता है. ऐसी बातें कहकर हिंदुत्व और राम मंदिर का निर्माण रोकें.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने स्वामी प्रसाद के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई है. वकील विनीत जिंदल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस में ‘हिंदू धर्म एक धोखा है’ के बयान को लेकर दिल्ली पुलिस में शिकयत दी है. उन्होंने सपा नेता की गिरफ्तारी की मांग की है. इससे पहले वकील विनीत जिंदल ने एक वीडियो में कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. जिंदल ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद, हिंदू धर्म और हिंदू देवी-देवताओं पर अपनी विवादित टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं. कल उन्होंने दिल्ली में एक पब्लिक रैली को लेकर संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू धर्म एक धोखा है. वह पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. विनीत जिंदल ने आगे कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जो राजनीतिक लाभ के लिए हमारे देश में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं. चुनाव आयोग ने भी नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली पुलिस @cp_delhi @DelhiPolice @CellDelhi @DCP_IFSO स्वामी प्रासाद मौर्य @SwamiPMaurya दिल्ली में खुले आम “हिंदू धर्म को धोखा” बोल रहा है।देश के प्रधानमंत्री व सर्वोच्च न्यायालय के शब्दों ग़लत प्रयोग कर लोगो को भड़का रहा है।मौर्य के इस भड़काऊ भाषण से मेरी धार्मिक भावनाए आहत… https://t.co/MH5DfgdSCt
— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) December 26, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले भी विवदित बयान देते रहे हैं. वह मां लक्ष्मी और रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर भी चर्चा में आए थे. बीते महीने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने माता लक्ष्मी पर विवादित बयान दिया था और कहा था कि दुनिया में कहीं भी चार हाथ वाले बच्चे पैदा नहीं होते तो माता लक्ष्मी कैसे हो गईं? इससे पहले उन्होंने हरदोई में किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जिसको तुम हिंदू राष्ट्र बोलते हो वह भारत राष्ट्र शापित है. यह भारत कभी भी न हिंदू राष्ट्र था, न है और न रहेगा. इसीलिए हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले देशविरोधी हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने एक अन्य बयान में कहा था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया. तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा था कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो. लेकिन, वह ब्राह्मण है. उसको पूजनीय कहा गया है. लेकिन, शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए. मौर्य ने सवाल उठाया था कि क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो. उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा था कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री ढोंग फैला रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि इससे पहले 11 जनवरी को बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला हिंदू धर्म ग्रंथ बताया था.