Lucknow: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की टिकट बुकिंग वेबसाइट हैक होने के बाद यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं यूपी रोडवेज को भी प्रतिदिन करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. ऑनलाइन सेवाएं बहाल होने में अभी करीब एक सप्ताह से लेकर दस दिन का समय लग सकता है. ऐसे में रोडवेज वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम तो कर रहा है. लेकिन, ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित होने से तेजी से काम करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
यूपी रोडवेज ने अपनी वेबसाइट को संभालने का जिम्मा एक निजी कंपनी मेसर्स ओरियन प्रो को 21 अप्रैल को काम दिया था. लेकिन, इसके चार दिन बाद ही उसका डाटा हैक होने से ऑनलाइन टिकटिंग सेवा और इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन ने काम करना बंद कर दिया है. कंपनी ने वेबसाइट से डाटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम लगाई हुई है. लेकिन, इसमें वक्त लग रहा है. सेवा प्रदाता फर्म द्वारा नवी मुंबई स्थित अपने मुख्यालय पर इस मामले को लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
ऑनलाइन सेवाएं बाधित होने से सारा काम मैनुअल तरीके से हो रहा है. जिससे प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्रदेश में 15 से 20 लाख यात्री प्रतिदिन रोडवेज बसों से यात्रा करते हैं. सामान्य तौर पर रोडवेज को इससे प्रतिदिन 15 करोड़ की आमदनी होती है. ऐसे में ऑनलाइन सेवाएं बाधित होने के कारण आमदनी पर काफी असर पड़ा है.
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प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के मुताबिक सात से दस दिन में चरणवार सभी 20 क्षेत्रों व 115 डिपो में पहले की तरह इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली काम करने लगेगी. मैनुअल प्रणासी से टिकट बनाए जाने के मद्देनजर कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख चेकिंग कराई जा रही है, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सके.
इसके साथ ही रोडवेज को होने वाली नुकसान की भरपाई सेवा प्रदाता कंपनी से वसूलने की तैयारी की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन सेवाओं के दौरान एक दिन की आय और मैनुअल टिकट से प्रतिदिन जो आय होगी, उसमें जो अंतर आएगा उस धनराशि को संबंधित मेसर्स ओरियन प्रो. से वसूला जाएगा. वहीं अब सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराये गये सभी एप्लीकेशन्स तथा वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट नये सिरे से कराये जाने का निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की टिकट बुकिंग वेबसाइट को मंगलवार रात को विदेशी हैकर्स ने हैक कर लिया गया, इससे बाद से ई टिकट बनाने का काम पूरी तरह से प्रभावित है. रोडवेज की बसों का संचालन मैनुअल टिकटिंग के जरिए कराया जा रहा है.