UP News: एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे सात नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, 35 हजार करोड़ की लागत से योजना चढ़ेगी परवान

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे पहला इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जालौन और दूसरा बांदा में विकसित होगा. बताया जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट के जरिए योगी सरकार इस परियोजना को लेकर धनराशि का इंतजाम करेगी, जिससे काम में दिक्कत नहीं हो.

By Sanjay Singh | July 15, 2023 3:55 PM

Lucknow: उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे अब औद्योगिक विकास की गतिविधियों को और ज्यादा गति देते नजर आएंगे. योगी आदित्यनाथ सरकार इन्हें विकास का अहम केंद्र बनाने की तैयारी में है. इसके लिए प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो एक्सप्रेसवे के किनारे सात नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे.

इनमें पांच पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और दो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके लिए 3500 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम किया जाएगा. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है.

इससे औद्योगिक इकाइयों को एक्सप्रेसवे के जरिए अपना माल लाना पहुंचाना काफी सुविधाजनक होगा. इससे समय की भी बचत होगी. प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक हर गलियारे के लिए प्रारंभिक चरण में 100-100 एकड़ की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी.

इसके विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए यूपीडा से कहा गया है कि वह अधिक से अधिक जमीन का इंतजाम कम से कम समय में कर ले, जिससे प्रस्ताव के अनुरूप कार्य करने में मदद मिलेग. फिलहाल प्रत्येक कॉरिडोर के लिए 500-500 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे पहला इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जालौन और दूसरा बांदा में विकसित होगा. बताया जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट में इस परियोजना के लिए 3500 करोड़ रुपए का इंतजाम किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक इसके अलावा सिकरीगंज से राम जानकी मार्ग पर धुरियापार के पास भी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की संभावनाएं देखी जा रही है. इसकी रिपोर्ट जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी.

यूपीडा से चयनित सलाहकार कंपनी लखनऊ से गाजीपुर तक बने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे पांच स्थल चिह्नित कर चुकी है. इनमें लखनऊ में कासिमपुरवा विरूहा, बाराबंकी में बम्हरौली, सुलतानपुर में कारेबान, आजमगढ़ में खुदचंदा और गाजीपुर में चकजमरिया में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे.

यूपीडा के मुताबिक एक्सप्रेसवे के शुरुआती स्थल लखनऊ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर सबसे पहले बनेगा, क्योंकि यहां पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए जरूरी लॉजिस्टिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं मौजूद हैं. इसके साथ ही दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी है. औद्योगिक इकाइयां योजनाओं के लिए जमीन तलाश रही कंपनियों को इस कॉरिडोर में प्लग एंड प्ले सुविधाएं उपलब्ध होंगी

यह कॉरिडोर बुंदेलखंड में पहले से बन रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से अलग होंगे. इसके साथ ही यूपीडा की ओर से कहा गया है कि वह निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे भी उपयुक्त स्थल को इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए चिह्नित करें. इससे यूपी के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने में और अधिक मदद मिलेगी.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इस तरह कटेगा टैक्स

इस बीच सात जिलों से गुजरने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स को लेकर कंपनी का नाम फाइनल हो गया है. इसी के साथ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रात-दिन पुलिस पेट्रोलिंग व एंबुलेंस की गश्त का रास्ता भी साफ हो गया. एक्सप्रेसवे पर वाहनों को टोल टैक्स के रूप में 600 रुपये से 3900 रुपये तक देने पड़ सकते हैं.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स के लिए पहली बार 24 जनवरी को टेंडर मांगे गए थे. लेकिन, इसमें 100 करोड़ रुपए की शर्त की वजह से मात्र एक कंपनी ने ही हिस्सा लिया. कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 24 मई तक कुल नौ बार टेंडर निकाले गए. इस बीच 100 करोड़ रुपए की शर्त में छूट दी गई, तब तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया.

यूपीडा की बोर्ड बैठक में हाल ही में तीन कंपनियों के प्रस्ताव पेश किए गए. इसमें इंद्रदीप कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रस्ताव पर मुहर लगी. इस कंपनी ने सर्वाधिक 68.38 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था. अन्य दो कंपनियों ने 66.45 करोड़ और 53.86 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था.

टोल वसूलने के लिए एक्सप्रेसवे पर छह टोल प्लाजा और सात रैंप प्लाजा तैयार हो गए हैं. यूपीडा हर साल टोल टेंडर में 10 फीसदी की वृद्धि करेगा. यानी हर साल वाहनों को भी ज्यादा टोल देना होगा. टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी को ही एक्सप्रेसवे की सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी भी दी गई है. एक्सप्रेसवे पर जल्द छह एम्बुलेंस और 12 पेट्रोल वाहन रात-दिन गश्त करेंगे.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सात जिलों इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट से गुजरता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में इसका शिलान्यास किया था. रिकॉर्ड समय में तैयार इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पीएम मोदी ने पिछले साल जुलाई में किया था. ये प्रदेश का 13वां एक्सप्रेसवे है. इसी के साथ ही यूपी को देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाले राज्य का तमगा मिला था.

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