यूपी के शहरों में अब वसूला जाएगा ‘विशेष सुविधा शुल्क’, योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस वजह से किया फैसला…
यूपी के बड़े शहरों में बीते कुछ सालों में आबादी का दबाव बढ़ता जा रहा है. यहां सुविधाएं अधिक होने की वजह से गांवों और छोटे शहरों से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. ऐसे में विभिन्न सुविधाओं को लेकर सरकार ज्यादा बजट खर्च कर रही है. इसलिए अब विशिष्ट सुविधाओं के लिए विशेष सुविधा शुल्क वसूला जाएगा.
Lucknow: यूपी के बड़े शहरों में अवस्थापना विकास सहित अन्य विशेष सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. इसके लिए उनसे विशेष सुविधा शुल्क वसूला जाएगा. योगी आदित्यनाथ सरकार के इस निर्णय से मेट्रो सहित अन्य सुविधा वाले शहरों के लोग प्रभावित होंगे.
यूपी सरकार के इस फैसले से शहरों में मेट्रो, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम यानी आरआरटीएस. स्टेडियम, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, बड़ी मेगा परियोजनाएं और बड़े पार्क जैसी विशेष सुविधाओं के लिए नए आवंटियों से ‘विशेष सुख सुविधा शुल्क’ वसूला जाएगा. इसके अलावा नए मास्टर प्लान में स्वत: अपग्रेड हुए भूउपयोग के बदले में संबंधित भूखंड मालिकों से ‘नगरीय उपयोग प्रभार’ भी वसूले जाने का निर्णय किया गया है.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम-1973(संशोधन) अध्यादेश-2023 को मंजूरी दी है. दरअसल उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 में वर्तमान समय की आवश्यकताओं के मद्देनजर अहम बदलाव किया गया है.
इस समय प्रदेश में 59 शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. वर्तमान में महायोजना में आने वाले अवैध निर्माणों का भी भूउपयोग बिना किसी शुल्क के अपग्रेड हो जाता है. इससे प्राधिकरणों को आर्थिक नुकसान होता है. ऐसे में इस समस्या को ध्यान में रखते हुए नगरीय भूउपयोग प्रभार का प्रावधान किया गया है.
प्रदेश में अभी तक विकास शुल्क की परिभाषा में सड़क, सीवर लाइन, विद्युत आपूर्ति और जलापूर्ति जैसी सुविधाएं ही शामिल थीं. अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है और इसमें मेट्रो, आरआरटीएस, स्टेडियम, रिवर फ्रंट सहित मेगा परियोजनाएं भी शामिल की गई हैं. इसे संशोधित अधिनियम में ‘विशेष सुख सुविधा’ के तौर पर परिभाषित किया गया है.
प्रदेश सरकार के मुताबिक इस समय 59 शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. जल्द ही यहां रहने वाले लोगों को वर्तमान सुविधाओं के साथ विभिन्न बड़ी परियोजनाओं के जरिए नई सुविधाएं भी मिलेंगी. इसके साथ ही विशेष सुख सविधा के तौर पर उनसे शुल्क लिया जाएगा.