Lucknow News: UP STF ने फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत 6 गिरफ्तार
यूपी एसटीएफ ने फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह के तीन आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह फर्जी वेबसाइट और सॉफ्टवेयर के जरिए केविड वैक्सीन प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट बनाता था.
देशभर में 436 केंद्र खोलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर जन्म-मृत्यु और कोविड प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के तीन और जालसाजों को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ ने शनिवार को नहर चौराहे से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए. गिरोह में कई अन्य जिलों के लोगों के शामिल होने सुबूत सामने आए हैं. जिसके आधार पर एसटीएफ तहकीकात कर रही है. केस गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी कोतवाली में दर्ज किया जा चुका है. यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को गाजियाबाद से गिरोह के मास्टरमाइंड साहिल व उसके साथी मौ. जुबैर व रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया था. खुलासा किया था कि आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर मोटी रकम लेकर फ्रेंचाइजी देकर देशभर में केंद्र खुलवाए. वहां से फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ कोविड टीकारण के प्रमाणपत्र बनाए गए. यही नहीं फर्जी आधार कार्ड बनाने का खेल भी किया. इसमें कई बांग्लादेशियों के दस्तावेज भी बनवाए गए.
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि अब शनिवार को नहरिया चौराहे से बहराइच निवासी मोहम्मद अरमान, कुशीनगर के सहीम अंसारी व जौनपुर के मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, पांच मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, 15 फर्जी दस्तावेज व सवा लाख की नकदी बरामद हुई. ये सभी प्रमाणपत्र के एवज में ये लोग सौ से एक हजार रुपये तक वसूलते थे. अब तक करीब सात हजार प्रमाणपत्र बनवाने के साक्ष्य मिल चुके हैं. इसमें कोविड टीकाकरण के प्रमाणपत्रों की संख्या नहीं शामिल है. मृत्यु प्रमाणपत्र की मदद से कई लोगों ने बीमा क्लेम तक ले लिया. ऐसे कई सुबूत एसटीएफ को मिले हैं. जिसका सत्यापन किया जा रहा है. एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इसी दस्तावेज पर लोग निवास प्रमाण पत्र बनवाकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं. इस प्रमाणपत्र को लैपटाप और डेस्कटाप के माध्यम से बनाया जाता है. गिरोह इस काम के लिए व्हाटसएप ग्रुप और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों से जुड़ता था. गिरोह के सदस्य मो. अरमान ने बताया कि उसके चाचा जाबिर अंसारी जो कि ग्रामीण डाक सेवा में संविदा कर्मी है. उनको डाक विभाग की ओर से आधार कार्ड बनाने की आईडी दी गयी है. उस आइडी का इस्तेमाल करके फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के माध्यम से उसके चाचा लोगों के फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे.
Also Read: Indian Railways: चेन्नई-लखनऊ एक्सप्रेस सहित 10 ट्रेनें इस तारीख तक रहेंगी निरस्त, यहां देखें पूरी लिस्ट
व्यापारी को लूटने वाले दो पुलिसकर्मी समेत सात पर FIR दर्ज
बिजनौर के व्यापारी का आजमगढ़ से अपहरण कर लखनऊ में बंधक बना लूटपाट करने और फिरौती मांगने के मामले में दो पुलिसकर्मियों और दो हिस्ट्रीशीटरों समेत सात के खिलाफ शनिवार को हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर खुद हसनगंज इंस्पेक्टर ने दर्ज कराई है. डीसीपी सेंट्रल की जांच के बाद ये कार्रवाई की गई. कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है. बिजनौर निवासी इश्तियाक कपड़े का व्यापार करते हैं. 29 नवंबर को वह आजमगढ़ में कपड़ा बेचने गए थे. बसअड्डे के पास से बोलेरो सवार लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उनको उठा लिया था. इश्तियाक से कहा था कि चोरी के केस में उनको उठाया गया है. अगवा करने के बाद निराला नगर स्थित चरन गेस्ट के एक कमरे में बंधक इश्तियाक को बंधक बना लिया था. उसकी पिटाई कर 20 हजार रुपये, 50 हजार के कपड़े लूट लिए थे. इश्तियाक के घरवालों को फोन कर 1.20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. किसी तरह से इश्तियाक उनके चंगुल से निकलकर एक परिचित से मदद मांगी थी. शनिवार को मामले में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल युसुफ हुसैन, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता और नसीम, शेखर उर्फ चुन्नु कुमार सिंह व एक अन्य अज्ञात पर रंगदारी, अपहरण, लूट, बलवा, मारपीट आदि गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.