यूपी एसटीएफ खरीदेगी एआई बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम, आसान होगी अपराधियों की पहचान
यूपी एसटीएफ आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम खरीद की तैयारी कर रही है. योगी आदित्यनाथ सरकार से एसटीएफ के आधुनिकीकरण का बजट मिलते ही ख़रीदारी की प्रक्रिया शुरू की गयी है.
लखनऊ: यूपी एसटीएफ नई तकनीक के साथ ही और अधिक ताकतवर होकर काम करेगी. एसटीएफ आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम खरीद की तैयारी कर रही है. जिससे अपराधी के चेहरे की मिलान करते ही, उसका पूरा डाटा सामने होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ को आधुनिक बनाने के लिये बजट जारीकर दिया है.
सीएम योगी ने की थी एसटीएफ की सराहना
यूपी एसटीएफ प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों, नशे के सौदागरों, अवैध हथियार तस्करों, परीक्षा माफिया, फर्जी शिक्षकों, आतंकवादियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करती है. हाल ही मुख्यमंत्री ने एसटीएफ के कार्यों की समीक्षा भी की थी. इस दौरान उन्होंने एसटीएफ के गुडवर्क को सराहा भी था. साथ ही उसे आधुनिक बनाने पर भी चर्चा की थी. अब एसटीएफ आधुनिक एआई बेस्ड सिस्टम खरीदने की तैयारी में है.
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तीन करोड़ से खरीदा जा रहा एआई बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम
यूपी एसटीएफ ने आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम को खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे संगीन वारदात के बाद अज्ञात शूटर व अपराधी अब एसटीएफ की नजरों से नहीं बच सकेंगे. एक क्लिक पर उनकी पहचान के साथ पूरी कुंडली पुलिस अधिकारियों के सामने होगी. यूपी एसटीएफ करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से जल्द आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम स्थापित करने जा रही है. इसकी निविदा जारीकर दी गयी है. चार कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है.
तेलंगाना के बाद यूपी पुलिस में अपनायी जा रही एआई तकनीक
तेलंगाना के बाद यूपी पुलिस में ऐसा अत्याधुनिक सिस्टम स्थापित किया जा रहा है. आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम में अपराधियों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा. इससे पहले क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए ये काम किया जाता था. आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस के साथ अपराधियों का डाटाबेस जोड़ने से उनके चेहरे का मिलान चंद सेकंड में हो जाएगा. साथ ही क्रिमिनल रिकॉर्ड के साथ किस चेहरे से कितने प्रतिशत मिलान हो रही है, इसकी जानकारी सामने होगी.
आवाज, चेहरा, अपराध करने का तरीके का भी होगा मिलान
इस तकनीक में अपराधी की आवाज, अपराध करने का तरीका, पारिवारिक और आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी तुरंत मिल जाएगी. उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी को वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देता है तो उसकी आवाज को ये सिस्टम आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस की मदद से डाटाबेस में फीड लाखों आवाज से मैच करके सही व्यक्ति की पहचान कर लेगाृ एसटीएफ के अधिकारी बताते हैं कि इस सिस्टम में रुचि दिखाने वाली कंपनियों से, सॉफ्टवेयर में अन्य फीचर्स भी जोड़ने पर बात चल रही है.