लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों से जोड़ने की पहल की है. इसी क्रम में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश से 100 विद्यार्थियों और इतने ही शिक्षकों का जत्था लखनऊ से हिमाचल प्रदेश स्थित आईआईटी मंडी के लिए रवाना हुआ.आईआईटी मंडी द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक महीने का कोर्स (5 जून से 5 जुलाई) नए युग या आधुनिक तकनीक पर इन छात्रों को भारत और विदेशों में रोजगार के नए अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेगा. यूपी सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जो शिक्षक वहां पढ़ रहे हैं, वे इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया है और ‘सबको हुनर, सबको काम’ की दिशा में काम कर रहे हैं. यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन की “प्रयास” पहल इस दृष्टि से जुड़ी हुई है, यह युवाओं को नए और मांग वाले पाठ्यक्रमों में तैयार करने का प्रयास करती है, यह सुनिश्चित करती है कि वे नौकरी के बाजार के लिए अच्छी तरह से तैयार हों.कौशल विकास मिशन के एक अधिकारी के अनुसार, पहले उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन और IIT मंडी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे. इसके अनुसार, इस वर्ष 12वीं पास करने वाले सभी छात्रों को उन्नत कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स जैसी नई तकनीकों के साथ ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम दिया जाएगा. फिर उन्होंने उसी के लिए एक ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की.
ऑनलाइन परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की मेरिट सूची के आधार पर इन पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश के इंटर कॉलेजों और आईटीआई से 100 छात्रों का चयन किया गया था. चयन मानदंड उन छात्रों पर केंद्रित था जिन्होंने हाल ही में विज्ञान पृष्ठभूमि के साथ 12वीं कक्षा पूरी की है. छात्रों के साथ, माध्यमिक शिक्षा के 50 शिक्षकों और 50 आईटीआई शिक्षकों को भी इन पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था. शुक्रवार को व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल और माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने छात्रों और शिक्षकों को मंडी ले जाने वाली पांच बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया.
अधिकारियों के मुताबिक पूरे कार्यक्रम की फंडिंग उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा की जाएगी. माध्यमिक शिक्षा से चयनित 50 शिक्षकों को उनके विभागों द्वारा तथा आईटीआई प्रशिक्षकों को निदेशक, प्रशिक्षण एवं रोजगार द्वारा नामित किया गया है.आईआईटी मंडी में पाठ्यक्रम पूरा होने पर, ये शिक्षक इंटर कॉलेजों और आईटीआई में इसी तरह के पाठ्यक्रमों की सुविधा के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में लौटेंगे. हम इनके माध्यम से इंटर कॉलेजों और आईटीआई में इन नए पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करने में सक्षम होंगे. भाग लेने वाले छात्रों के प्रोफाइल को मजबूत करइके और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों तक पहुंच प्रदान करके, यह कार्यक्रम कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में उनके भविष्य के करियर के द्वार खोलता है.
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन यूपी के छात्रों के लिए इस तरह के ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू जैसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग करने के अवसरों की सक्रिय रूप से तलाश कर रहा है.इन संस्थानों के साथ भविष्य के एमओयू की क्षमता उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए मिशन की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है.यह यूपी में छात्रों को कौशल विकसित करने के अवसर प्रदान करने के लिए एचसीएल टेक्नोलॉजी जैसी निजी कंपनियों के साथ भी चर्चा कर रहा है. इसी तरह 5जी जैसी तकनीक में भी युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की संभावना है.