UP News: निलंबित आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार बर्खास्त, यूपी सरकार की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने की कार्रवाई
यूपी कैडर के निलंबित आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. पाटीदार के खिलाफ इतने बड़े एक्शन को लेकर विभाग में हड़कंप का माहौल है. पाटीदार इस समय जेल की सलाखों के पीछे हैं. दो साल फरार रहने के बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था.
Lucknow: यूपी कैडर के आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त कर दिया गया है. यूपी सरकार की संस्तुति पर गृह मंत्रालय ने ये कार्रवाई की है. इसके साथ ही पाटीदार का नाम पाटीदार का नाम आईपीएस अफसरों की लिस्ट से हटा दिया गया है. यूपी कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार पर गंभीर आरोपों के कारण ये बड़ी कार्रवाई की गई है.
पाटीदार को काफी समय पहले ही निलंबित किया जा चुका है और वह इस समय जेल की सलाखों के पीछे हैं. यूपी में महोबा जिले के कबरई मंडी के क्रेशर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले को लेकर पाटीदार विवादों के घेरे में आ गए थे.
लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट ने बीते दिनों पाटीदार की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी. सुनवाई के बाद जमानत के लिए दिए गए तर्कों को सुनकर कोर्ट सहमत नहीं हुआ था और जमानत अर्जी खारिज किर दिया. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि पाटीदार पर लोक सेवक के पद पर रहते हुए गंभीर प्रकृति के अपराध को अंजाम देने का आरोप है, लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती.
यूपी के जनपद महोबा में कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी का सात सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ था. आठ सितंबर को उनके गले में गोली लगी थी और 13 सितंबर को मौत हो गई थी. परिजनों ने मामले में हत्या का आरोप लगाया था.
इसके बाद प्रदेश सरकार ने तीन आईपीएस अफसरों की एसआईटी गठित की थी. एसआईटी जांच में त्रिपाठी की मौत को आत्महत्या तो बताया गया. लेकिन, महोबा में थानेदारों की ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े खेल की पुष्टि की गई. एसआईटी की जांच में तत्कालीन एसपी, थानाध्यक्ष कबरई समेत पांच लोग आत्महत्या के लिए उकसाने और भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए.
इसके बाद शासन ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए. पांचों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. वहीं मणिलाल पाटीदार को 9 सितंबर 2020 को निलंबित कर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से संबद्ध किया गया. लेकिन, वह डीजीपी मुख्यालय में आमद कराने के बजाय फरार हो गया था. जबकि चार आरोपी पहले से जेल में थे.
काफी तलाश के बाद भी मणिलाल पाटीदार का सुराग नहीं मिलने पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया. इसके बाद मणिलाल पाटीदार ने 15 अक्तूबर, 2022 को लखनऊ की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. वहीं अब पाटीदार के खिलाफ बर्खास्तगी की बड़ी कार्रवाई की गई है.