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UP: पौधरोपण अभियान के बीच कर दिए गए क्षेत्रीय वनाधिकारियों के तबादले, सीएम योगी की नाराजगी के बाद निरस्त

यूपी में बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलने के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए करीब 100 क्षेत्रीय वनाधिकारियों के तबादले का मामला सामने आया है. इन तबादालों की शासन स्तर पर जानकारी होते ही हड़कंप मच गया. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के कड़ी नाराजगी जताने के बाद सभी तबादले निरस्त कर दिए गए हैं.

Lucknow News: वन विभाग में मनमाने ढंग से क्षेत्रीय वनाधिकारियों (वन रेंजर) के तबादला विवादों में आ गया है. शासन स्तर पर कड़ी नाराजगी जताए जाने के बाद सभी तबादले निरस्त कर दिए गए हैं. इनकी संख्या 70 से 100 के करीब बताई जा रही है.

नियमों से विरुद्ध जाकर किए गए इन तबादलों को बेहद गुपचुप तरीके से किया गया. यहां तक की विभागीय मंत्री तक को इसकी जानकारी नहीं दी गई. अब सच्चाई सामने आने के बाद आला अफसर सवालों के घेरे में हैं.

उत्तर प्रदेश के वन विभाग में क्षेत्रीय वनाधिकारियों के तबादले के बाद हड़कंप की स्थिति है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जताई है. इसके बाद करीब 70 से 100 तबादले तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं.

बड़े अधिकारियों की भूमिका पर सवाल

इस मामले में एक बड़े आईएएस अफसर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद अब महकमे में जहां हड़कंप की स्थिति है. वहीं वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार ने अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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35 करोड़ पौधरोपण अभियान के दौरान कर दिए गए तबादले

बताया जा रहा है कि बीते 15 दिनों में करीब 100 क्षेत्रीय वन अधिकारियों के तबादले कर दिए गए थे. ऐसा तब किया गया जब विभाग में पहले ही तय कर लिया गया था कि 35 करोड़ पौधरोपण अभियान की वजह से 15 अगस्त के बाद तबादले किए जाएंगे. इनमें 30 करोड़ पौधरोपण किया जा चुका है, जबकि 5 करोड़ पौधरोपण 15 अगस्त को किए जाने हैं. इसकी तैयारी भी की जा रही है.

30 सितंबर है तबादलों की कटऑफ तारीख

इस पूरे कार्य के मद्देनजर तबादलों की कटऑफ तारीख 30 सितंबर तय की गई थी. हालांकि शासनादेश को दरकिनार करते हुए विभागाध्यक्ष प्रधान मुख्य संरक्षक ममता संजीव दुबे के आदेशों से तबादले कर दिए गए. विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसकी जानकारी होने पर वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई.

भ्रष्टाचार के भी लग रहे आरोप

इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी. सूत्रों के मुताबिक इस पर विभाग के बड़े अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई गई और आनन-फानन में तबादलों को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया. इस मामले में जमकर भ्रष्टाचार के भी आरोप लग रहे हैं.

मुख्यमंत्री की फटकार के बाद आनन-फानन में वन मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तबादले तुरंत निरस्त करने और इसकी अपने स्तर से जांच कराने को कहा. उन्होंने प्रकरण की सक्षम स्तर से जांच कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दे दिए.

आनन-फानन में तबादले निरस्त करने का आदेश जारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव, वन मनोज कुमार सिंह ने विभागाध्यक्ष के स्तर से विगत 15 दिनों में क्षेत्रीय वनाधिकारियों के किए गए सभी स्थानांतरण तत्काल प्रभाव निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया.

इस संबंध में पत्र में कहा गया है कि विभाग ने 15 अगस्त 2023 तक किए जाने वाले पौधरोपण कार्यक्रम की मध्य अवधि में ही विभागाध्यक्ष स्तर से लगभग 70 से 100 क्षेत्रीय वनाधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह आचरण स्वेच्छाचारी और विभागीय हितों के प्रतिकूल है.

पत्र में कहा गया कि स्थानांतरण पर न तो शासन का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया गया और ना ही स्थानांतरण की प्रति उपलब्ध कराई गई. इस प्रकार पौधरोपण सत्र के मध्य में किए गए क्षेत्रीय वन अधिकारियों के स्थानांतरण संदेह के घेरे में आ जाते हैं. इसलिए तबादलों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.

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