UP Weather Update: मौसम खुशनुमा होने से लोगों को राहत, 48 जिलों में बरसेंगे बादल, तीन अगस्त तक बारिश के आसार

मौसम के बदले अंदाज की वजह से यूपी में कई जगह लोगों को जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. वहीं नदियों के जलस्तर में इजाफा दर्ज किया गया है. पहाड़ों पर हो रही बारिश और हथिनीकुंड से पानी छोड़ने जाने के कारण भी नदियां के तेवर कम नहीं हो रहे हैं. प्रदेश में फिलहाल 3 अगस्त तक बारिश के आसार हैं.

By Sanjay Singh | July 29, 2023 8:18 AM

UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मानसून के स​क्रिय होने के कारण मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में शुक्रवार देर शाम से मौसम का अंदाज बदल गया. हवाएं चलने की वजह से लोगों को उमस से राहत मिली. वहीं शनिवार सुबह भी मौसम खुशनुमा बना हुआ है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पहाड़ों पर लगातर हो रही बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिला है.

उत्तर प्रदेश में एनसीआर में बादल लगातार बरस रहे हैं. नोएडा में सुबह से ही बारिश हो रही है. पश्चिमी यूपी में मानसून ज्यादा सक्रिय है. प्रदेश के पश्चिमी जिलों में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है. एनसीआर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार रात से रुक-रुककर बारिश के बाद शनिवार को भी बादल बरसे. इससे कई इलाकों में पानी भर गया है.

मौसम विभाग ने अभी और दो से तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. गाजियाबाद-नोएडा के यमुना और हिंडन नदी किनारे वाले इलाकों में बाढ़ का पानी कम होने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी. लेकिन, बारिश से उनकी मुश्किलें फिर बढ़ गईं.

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इस बीच मौसम विभाग ने नया अपडेट जारी कर पश्चिमी यूपी के 48 जिलों में तेज आंधी-बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की तीव्रता से तेज हवाएं चलेंगी. प्रदेश में शनिवार और रविवार को तेज बारिश की वजह से तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. जुलाई में बचे हुए शेष दिनों में प्रतिदिन बारिश के आसार जताए गए हैं.

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में शनिवार और रविवार को 48 जनपदों में गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं. मानसून का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा देखने को मिलेगा. प्रदेश में बरेली, पीलीभीत, बिजनौर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, सहारनपुर, शामली, पीलीभीत, अमरोहा, कानपुर नगर, अलीगढ़, मथुरा

बागपत, मेरठ और जालौन में बारिश की वजह से मौसम में असर देखने को मिलेगा. इसके साथ ही हमीरपुर, महोबा, मुजफ्फरनगर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद औरैया, कानपुर देहात, ललितपुर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा, अमेठी, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, बस्ती, सोनभद्र, संतकबीरनगर, बदायूं, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोंडा, महाराजगंज, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, अयोध्या, प्रयागराज, मीरजापुर और प्रतापगढ़ में भी बारिश के आसार हैं.

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान तापमान मे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है. इसके बाद 3-4 दिन तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो सकता है.

प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में कानपुर में सबसे ज्यादा तपिश देखने को मिली. यहां अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि प्रदेश में बरेली में न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, यहां 23.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. प्रदेश में फिलहाल 3 अगस्त तक सभी स्थानों पर बारिश और गरज चमक के साथ छीटें पड़ने की संभावना है.

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक एक निम्न दबाव का क्षेत्र अब उत्तरी ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों पर है, संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. मानसून ट्रफ बीकानेर, ग्वालियर, सतना, उत्तरी ओडिशा पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र और फिर दक्षिण-पूर्व दिशाए दक्षिण मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है.

इसके साथ ही एक चक्रवाती परिसंचरण हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी ऊपर है. एक पवन कतरनी क्षेत्र औसत समुद्र तल से 4.5 और 7.6 किलोमीटर के बीच 18 डिग्री उत्तर अक्षांश पर चल रहा है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है. मौसम की इन बदली हुई परिस्थितियों का असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा.

इस बीच मौसम के बदले तेवर के कारण पहाड़ों पर हो रही बारिश और कई जगहों से पानी छोड़े जाने नदियों ने और रौद्र रूप धारण कर लिया है. कानपुर में गंगा खतरे के निशान से 72 सेमी ऊपर बह रही हैं. कटरी के चैनपुरवा और नाथूपुरवा गांव में पानी घुसने लगा है. शुक्लागंज के आवासीय इलाकों में बाढ़ के पानी से लगभग 300 घर प्रभावित हुए हैं.

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में बीते दिनों भारी बारिश की वजह से यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया है. कई इलाकों में यह खतरे के निशान के पास था. मथुरा और आगरा सहित अन्य इलाकों में यमुना के तेवर के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग अभी भी अपने घरों में वापस नहीं लौटे हैं. इन्हें प्रशासन की ओर से सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है.

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