लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने प्रदेश में बाढ़ रोकने के लिए सिंचाई विभाग को अजीबोगरीब निर्देश दिये हैं. जिसके बाद योगी सरकार के मंत्री सुर्खियों में छा गये है. दरअसल, रविवार को प्रदेश में बाढ़ से बचाव की तैयारी की समीक्षा के दौरान मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये. मंत्री ने अधिकारियों से तटबंधों की नियमित निगरानी एवं सुरक्षा करने के साथ ही नदियों का प्रतिदिन पूजन कराने की बात कही हैं.
लखनऊ से VC के द्वारा बाढ़ क्षेत्रो के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील जनपदो मे बाढ़ सुरक्षा हेतु किए समस्त कार्यो की समीक्षा करते हुए अधिकारियो को निर्देशित किया कि समस्त तैयारियो की निगरानी बन्धों पर कैम्प लगाकर करते रहे व बाढ़ से किसी भी तरह की समस्या से निपटने के लिए तैयार रहें। pic.twitter.com/lvfVzPG4gk
— Dr. Mahendra Singh (@bjpdrmahendra) July 12, 2020
इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प है कि बाढ़ से कहीं भी जनधन की हानि नहीं होने पाये. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी तटबंधों पर जेनरेटर लगाकर लाइट की समुचित व्यवस्था की जाये. इमरजेंसी लाइट व बड़ी टार्च अवश्य उपलब्ध कराएं. संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्थलों की 24 घंटे निगरानी हो. जलशक्ति मंत्री ने कहा कि अधिकारी कैंप लगाकर बचाव कार्यों की लगातार निगरानी करें. साथ ही प्रभावी गश्त की पुख्ता व्यवस्था की जाये और कार्यों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराकर हर दिन की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजें.
डॉ. महेंद्र सिंह के प्रवक्ता ने एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को नदियों की पूजा करने एवं फूल अर्पित करने के निर्देश दिये है. बताया गया कि नदियों के आसपास रहने वाले लोग इस तरह की पूजा लंबे समय से करते आ रहे है और यह कोई नयी परंपरा नहीं है. हिंदू संस्कृति में नदियों को देवी के तौर पर माना गया है और उनकी पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कहा गया कि बाढ़ के प्रकोप से बचाव के लिए अधिकारियों एवं कर्मियों को भी इस तरह की पूजा करनी चाहिए. ताकि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से लोगों को बचाया जा सकें.
वहीं, योगी सरकार के मंत्री के इस सलाह पर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे है. कुछ लोगों ने इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए भी इस तरह सलाह दी गयी थी. लेकिन, नतीजा आज सबके सामने है. जबकि, कुछ लोगों ने मंत्री के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके ज्ञान और अनुभव पर सवाल खड़ा किया है. बता दें कि सेंट्रल वाटर कमीशन ने अनुमान लगाते हुए कहा था कि घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ जाने के कारण यूपी के बाराबंकी और फैजाबाद में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. उत्तर प्रदेश में पिछले साल बाढ़ के कारण करीब सौ लोगों की मौत हो गयी थी.
Upload By Samir Kumar