लखनऊ. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) में प्राकृतिक विरासत प्रभाग के प्रधान निदेशक मनु भटनागर का कहना है कि यमुना के उग्र होने का मुख्य कारण कम अवधि में अत्यधिक वर्षा है. वैज्ञानिकों की चिंता है कि बारिश जारी रही तो यमुना और उग्र होगी. यमुना के किनारे बसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर- आगरा, मथुरा, इटावा, कालपी, हमीरपुर आदि क्षेत्रों को प्रभावित करेगी. यमुना उत्तर प्रदेश की दूसरी सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी है. इसका उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित यमुनोत्री हिमनद से होता है. यमुना नदी इलाहाबाद में गंगा से मिलती है. यमुना नदी की कुल लंबाई 1376 किलोमीटर है.
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने देखा कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को पिछले वर्षों की तुलना में दिल्ली पहुंचने में कम समय लगा इसका मुख्य कारण अतिक्रमण और गाद हो सकता है। पहले, पानी की प्रवाह के लिए अधिक जगह थी। अब, यह एक संकुचित क्रॉस-सेक्शन से होकर गुजरती है।” राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 180 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर में बैराज से पानी को दिल्ली तक पहुंचने में लगभग दो से तीन दिन लगते हैं.
दिल्ली में यमुना का जल स्तर 45 साल पहले निर्धारित 207.49 मीटर के सर्वकालिक रिकॉर्ड को पार कर गया. विशेषज्ञों ने इस स्थिति के लिए बाढ़ के मैदानों के अतिक्रमण, कम अवधि में अत्यधिक वर्षा और गाद के संचय को जिम्मेदार ठहराया है जिससे नदी का तल ऊंचा हो गया. बुधवार दोपहर 1 बजे, नदी 207.55 मीटर तक बढ़ गई, जो 1978 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई. बाढ़ के मैदानों के पास के क्षेत्रों में और बाढ़ आ गई.
उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ग्राम ऐली परसौली, जनपद गोंडा में सरयू- घाघरा नदी के बायें तट पर सकरौर भिखारीपुर रिंग तटबन्ध स्थित स्पर पुर्नस्थापना एवं रिवेटमेंट निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया.बाढ़ संभावित क्षेत्र के लोगों को बाढ़ राहत बचाव किट वितरित किया. निरीक्षण स्थल पर आए बाढ़ समिति के सदस्यों के साथ चर्चा की किसानों के साथ संवाद किया.
कई उत्तर प्रदेश में परिवहन और बिजली में व्यवधान के साथ-साथ जीवन और संपत्ति की हानि की सूचना मिली है, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे जलजमाव और अचानक बाढ़ भूस्खलन की स्थिति बन गई. हरियाणा में यमुना नदी में पानी का प्रवाह लगातार “हाई-फ्लड” स्थिति के करीब बना हुआ है, जिससे नदी क्षेत्र में स्थित गांवों में रहने वाले लाखों लोग चिंतित हैं. गंगा, यमुना, गंडक और राप्ती नदी के बेसिन वाले इलाकों के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं. इन इलाकों में गश्त बढ़ी है.
राज्य में रात के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ.राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान चुर्क में 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से ऊपर (1.6°C से.) रहा.
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़कर रिकॉर्ड 207.81 मीटर हो गया है, इसका असर दिल्ली- हरियाणा से सटे उत्तर प्रदेश के तटीय इलाकों को पर दिख रहा है. रिंग रोड पर बाढ़ का पानी घुस गया है, इससे यूपी के हजारों लोग फंस गए हैं. उनको दूसरे रास्तों का प्रयोग करना पड़ रहा है. यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ने से यमुना नदी के किनारे की हरित पट्टी पूरी तरह से बाढ़ में डूबने लगी है. बुधवार सुबह तक इसका असर आगरा- इटावा तक देखने को मिल सकता है. यमुना नदी के पानी के अतिप्रवाह के कारण यातायात प्रभावित हुआ है.
श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत एवंआसपास इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बाराबंकी, अयोध्या, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, संभल, एवं आसपास के इलाकों में भारी बारिश होनेकी संभावना है.
फतेहपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी ,जौनपुर ,गाजीपुर ,आजमगढ़ ,मऊ , गोरखपुर , संत कबीर नगर , बस्ती , कुशीनगर , महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच ,लखीमपुर खीरी ,सीतापुर, हरदोई, फर्रखाबाद, कन्नौज , कानपुर , उन्नाव, लखनऊ , बाराबंकी , रायबरेली , अमेठी , सुल्तानपुर , अयोध्या , अंबेडकर , नगर गौतम बुद्ध नगर , बुलंदशहर, अलीगढ़ , हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा , फिरोजाबाद, मैनपुरी , इटावा , औरैया , मुरादाबाद, रामपुर , बरेली , पीलीभीत , शाहजहांपुर , संभल , जालौन हमीरपुर, महोबा , झांसी , ललितपुर और आसपास के इलाकों में वज्रपात होने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश में सात दिन बाद नदियां बाढ़ ला सकती हैं. राहत आयुक्त कार्यालय ने हफ्तेभर में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. यमुना, राप्ती सहित कई नदियां विकराल होती जा रही हैं. उद्गम स्थलों से पानी का सैलाब आने के कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. बुधवार को कछला ब्रिज (बदायूं) और मावी (शामली) में गंगा और यमुना खतरे के निशान को छू रही हैं. हापुड़ में गंगा व मुरादाबाद में रामगंगा का जल स्तर सामान्य संभावना से ऊपर है. पिछले 24 घंटों में तेज बारिश,आकाशीय बिजली गिरने और सांप के काटने से तीन लोगों की जान गई है.
अलीगढ़ : अलीगढ़ में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है. जिससे अलीगढ़ के आधा दर्जन गांव में पानी घुस गया है. यहां रहने वाले ग्रामीण गांव में पानी घुसने से परेशान है. किसानों की फसलें और सब्जियां नष्ट हो गई है. वही खेतों में पानी घुसने से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही ग्रामीणों के लिए पशुओं के चारे की समस्या आ रही है,
इस साल 24 जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई है जबकि 31 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पिछले कुछ दिनों में बिजली गिरने से जान-माल के नुकसान की खबरों पर सीएम ने पीड़ित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) अब पूर्वोत्तर राजस्थान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर स्थित है. दक्षिण उत्तर प्रदेश के मध्य भागों और आसपास के क्षेत्र में औसत से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. मंगलवार को मेरठ मंडल में दिन के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. आगरा मंडल में भी काफी गिरावट आई है. राज्य के शेष जिलों में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ. मेरठ मंडल में -5.0°C या उससे कम; आगरा मंडल में सामान्य से काफी नीचे (-3.1°C से -5.0°C); नीचे , मुरादाबाद मंडल में सामान्य (-1.6°C से -3.0°C) और वाराणसी मंडल में सामान्य से अधिक (1.6°C से 3.0°C) और राज्य के शेष संभागों में सामान्य (-1.5°C से 1.5°C)तापमान रहा. पूरे राज्य में उच्चतम अधिकतम तापमान फतेहगढ़ में रहा.यहां तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को राहत और बचाव के लिए अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद अगले कुछ दिनों में राज्य की विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इसलिए राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें.
तीन साल पहले आज ही के दिन यानि 12 जुलाई 2020 को यूपी में बारिश बाराबंकी और इलाहाबाद में हुई थी. आइएमडी लखनऊ की एक रिपोर्ट बताती है कि एल्गिन ब्रिज (जिला-बाराबंकी) 22 सेमी. , सोरांव (जिला-इलाहाबाद) 17, सिधौली (जिला-सीतापुर) 12, वाराणसी/बाब एयरो (जिला वाराणसी) 10, आज़मगढ़ (जिला आज़मगढ़) 9, भटपुरवाघाट (जिला सीतापुर) 9, सलेमपुर (जिला देवरिया) 9, तरबगंज (जिला गोंडा) 9, कानपुर आईएएफ (जिला कानपुर सिटी) 8, चुनार (जिला मिर्ज़ापुर) 8, दुद्धी (जिला सोनभद्र) 8, सुल्तानपुर ऑब्सी (जिला सुल्तानपुर) 8, लखनऊ (एपी) (जिला लखनऊ) 8, सफीपुर (जिला उन्नाव) 8, अयोध्या (जिला फैजाबाद) 7, इलाहाबाद/पबो (जिला इलाहाबाद) 7, सिरौली गौसपुर तहसील (जिला बाराबंकी) 7, हैदरगढ़ (जिला बाराबंकी) 7
उत्तरी भारत इस समय मानसून के अत्यधिक गीले चरण के बीच में है. हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, और उत्तराखंड की तरह ही उत्तर प्रदेश में जुलाई में बारिश सामान्य से काफी अधिक है. भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. और जानमाल की हानि हुई है. खासकर पहाड़ी इलाकों से सटे क्षेत्र में.
मौसम विभाग ने यूपी में बारिश को लेकर अपने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि दो दिन भारी बारिश के आसार हैं. राज्य के कई हिस्सों में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. इसके बाद मानसून के तेवर कुछ ढीले होंगे.
प्रदेश में लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, अंबेडकरनगर, प्रयागराज, जौनपुर, संत कबीर नगर, महराजगंज, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, देवरिया और कुशीनगर में भारी बारिश के साथ आंधी तूफान की संभावना जताई गई है.
वाराणसी में बुधवार सुबह से ही बादल छाए हैं. बीते दो दिनों से रुक रुक कर बरसात हो रही है. आज भी बरसात की स्थिति बनी हुई है. अभी धीमी गति से हवा चल रही है. धूप नहीं निकलने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून इन दिनों पश्चिमी यूपी में ज्यादा सक्रिय है इस कारण इसका असर पूर्वी यूपी पर देखने को नहीं मिला है.
यूपी में बुधवार को सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, आगरा, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया, हापुड़, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर और उन्नाव में भारी बारिश के आसार हैं.
देशभर में कई जगह मानसून तबाही मचा रहा है. भारी बारिश के कारण नदियां अपना रौद्र रूप दिखाने लगी हैं. पहाड़ों पर बादलों के जमकर बरसने के कारण यूपी के मौसम पर इसका असर पड़ा है. अगले चौबीस से अड़तलीस घंटे में मूसलाधार बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है. तराई के इलाकों में स्थिति और गंभीर होने के आसार हैं.
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जनपदों में प्रशासन भी सतर्क हो गया है. संवेदनशील तटबंध वाले इलाकों में बाढ़ के मद्देनजर चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बदायूं, शामली, बाराबंकी, हापुड़, कुशीनगर, मुरादाबाद, बलरामपुर, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, और बहराइच को अलर्ट किया गया है.
उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड से सटे हिमालय की तराई के जनपदों में बुधवार को अत्यधिक भारी बारिश के आसार हैं. राज्य में मंगलवार को सबसे ज्यादा बारिश हरदोई में 54.2 मिमी, इटावा में 53, नजीबाबाद में 35.6, झांसी में 32.4, लखीमपुर खीरी में 22 मिमी दर्ज की गई.
मौसम विभाग ने बिजनौर, मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में रेड अलर्ट जारी करते हुए भारी बारिश की चेतावनी दी है. इसके अलावा अमरोहा, संभल, बदायूं, बरेली, पीलीभीत और रामपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
यूपी में बुधवार को मानसून की सक्रियता के कारण बारिश का माहौल बना हुआ है. मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में तेज बारिश और तूफान को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही आकाशीय बिजली के मद्देनजर तेज बारिश के दौरान लोगों से बेवजह बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है.