UP Weather Forecast: उत्तर प्रदेश के मौसम में गर्मी का प्रभाव अब साफ देखने को मिल रहा है. राजधानी लखनऊ प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह की शुरुआत शुष्क मौसम से हुई है. मंगलवार सुबह भी लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद और नोएडा सहित अन्य प्रमुख शहरों में सुबह आसमान साफ रहा.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक लखनऊ और आसपास के जनपदों में मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. प्रदेश में 11, 12 व 13 अप्रैल को तेज हवाओं का असर देखने को मिलेगा. हवाओं की रफ्तार 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बरेली, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा सहित अन्य शहरों में इन हवाओं का प्रभाव देखने को मिल सकता है. इसकी वजह से धूल का गुबार उड़ सकता है. हालांकि इस परिवर्तन से तापमान पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. फिलहाल 14 अप्रैल तक ऐसे ही मौसम के आसार हैं.
प्रदेश में बुंदेलखंड में गर्मी अभी से अपना असर दिखाने लगी है. यहां झांसी और हमीरपुर में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री दर्ज किया गया है. जबकि न्यूनतम तापमान पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में 14.6 डिग्री दर्ज किया गया. देश के मौसम की बात करें तो चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर बांग्लादेश पर बना हुआ है. निचले स्तरों पर केरल से लेकर विदर्भ तक एक निम्न दबाव की रेखा आंतरिक कर्नाटक और मराठवाड़ा से होकर गुजर रही है. एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है.
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प्रदेश के प्रमुख शहरों में आज लखनऊ में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री, आगरा में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम तापमान 38 डिग्री, कानपुर में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री और अधिकतम तापमान 38 डिग्री, प्रयागराज में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री और अधिकतम तापमान 41 डिग्री, वाराणसी में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री और अधिकतम तापमान 40 डिग्री, बरेली में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री और अधिकतम तापमान 36 डिग्री, मेरठ में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री और अधिकतम तापमान 36 डिग्री, गाजियाबाद में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री और नोएडा में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री और अधिकतम तापमान 36 डिग्री रहने की संभावना है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता एक बार फिर कम हुई है. इस प्रकार, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी उत्तर भारत के ऊपर विकसित नहीं होगा. मौसम के शुष्क रहने की उम्मीद है और तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा. ये स्थिति किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी, क्योंकि फसलें कटाई के लिए तैयार है. हालांकि इस दौरान बारिश या आंधी से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा.
वहीं इस बार सामान्य से कम मानसून की संभावना जताई गई है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जून से सितंबर तक चार महीनों की बात करें तो देश के उत्तरी और मध्य भागों में वर्षा की कमी होने का जोखिम होगा. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के मुख्य मॉनसून महीनों के दौरान अपर्याप्त बारिश होगी. उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.