UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने के बाद अब पछुआ हवाएं अपना जोर दिखाएंगी. इस वजह से आने वाले दिनों में ठंड के जोर पकड़ने के आसार हैं. हालांकि इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. फिलहाल सुबह और देर रात में ठंड की स्थिति देखने को मिलेगी. वहीं पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश, ओलावृष्टि और आंधी के कारण जमीन में अभी भी नमी मौजूद है, इसकी वजह से धरती की नमी भाप बन कर उठेगी और सुबह और शाम के वक्त कोहरा अपना असर दिखाएगा. दिन के समय में हल्की धूप निकलेगी. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और देश के अन्य हिस्सों में बारिश हुई. उत्तराखंड में बर्फबारी का असर यूपी में भी देखने को मिला. इस वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई और ठंडी हवा चलने के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिली. आने वाले दिनों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जाएगी. इस माह के अंत तक जाड़े का असर दिखाई देने लगेगा.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आंधी बारिश की वजह से लखनऊ में अधिकतम तापमान में 5 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई. वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से कम रहा. इससे पहले मानसून के लौटने के बाद दिन में तेज धूप निकालने के साथ उमस अपना असर दिख रही थी. वहीं अब बारिश के बाद गुलाबी ठंड जैसी स्थिति है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून की वापसी के बाद धूप और उमस की स्थिति में धरती की परत भी रात का तापमान कम होने के बावजूद ठंड नहीं हो पा रही थी. ऐसे में बारिश राहत देने वाली साबित हुई. इसकी वजह से मौसम पूरी तरह से बदल गया और अब गुलाबी जाड़े की स्थिति है.
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आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बुधवार को मौसम सामान्य तौर पर शुष्क बना रहेगा और किसी तरह की कोई चेतावनी जारी करने जैसे स्थिति नहीं है. इसके बाद 19, 20, 21, 22 और 23 अक्टूबर को भी प्रदेश में इसी तरह का मौसम बना रहेगा. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अधिकतम तापमान में गिरावट के बाद अब धीरे-धीरे तीन से 6 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो सकता है. वहीं अगले चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे तीन से 6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक देश में मौसम प्रणाली की बात करें तो अगले 24 घंटे दौरान बिहार के शेष हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूरे पूर्वोत्तर भारत, आंध्र प्रदेश के कुछ और हिस्सों, तेलंगाना, उत्तर के कुछ और हिस्सों और मध्य बंगाल की खाड़ी से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अब अनुकूल हैं. पश्चिमी विक्षोभ जम्मू क्षेत्र और इससे सटे पाकिस्तान के हिस्सों पर है. प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों पर है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण औसत स्तर से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिणपूर्व और इससे सटे पूर्वी मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और 21 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक डिप्रेशन के रूप में तीव्र होने की संभावना है.