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UP Weather Update: यूपी में भारी बारिश की चेतावनी, जल्द ही एलनीनो का देखने को मिलेगा असर, जानें कहां बरसे बादल

यूपी में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद जुलाई की शुरुआत बारिश के लिहाज से अच्छी रही है. इस हफ्ते मानसून के प्रभावी होने से आगे भी भारी बारिश के आसार हैं. ऐसे में लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात मिलेगी. हालांकि जून में जहां बारिश औसत से कम हुई है, वहीं जुलाई में इसके सामान्य रहने के आसार हैं.

By Sanjay Singh | July 2, 2023 7:15 AM

UP Weather Update: यूपी में मानसून के मेहरबान होने से लोगों को गर्मी से निजात मिली है. राजधानी लखनऊ सहित कई इलाकों में शनिवार को बारिश होने से मौसम खुशगवार रहा और रात के तापमान में भी गिरावट देखने को मिली. वहीं रविवार सुबह भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई.

मानसून अब प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. इसलिए राज्य के सभी हिस्सों में इसका असर देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग ने रविवार को भी प्रदेश में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1, 4 और 5 जुलाई व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक और 5 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट है.

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक रविवार को राजधानी लखनऊ और आसपास के जनपदों में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश होने के आसार हैं. अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहने की संभावना है. लखनऊ सहित कई जनपदों में अब तक अच्छी बारिश हुई है. जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पूरी तरह से मेहरबान रहेगा. हालांकि एलनीनो की वजह से लगातार हो रही बारिश पर ब्रेक भी लग सकता है.

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आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, के मुताबिक प्रदेश में शनिवार को सामान्य से अधिक बरसात हुई. इसका असर तापमान में भी देखने को मिला. फिलहाल ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है. हालांकि कुछ समय बाद एलनीनो की सक्रियता से यूपी के लोगों का बारिश को लेकर इंतजार लंबा हो सकता है. इस दौरान सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं.

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, भूमध्य रेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ एलनीनो गर्म हो गया है. इसका दक्षिण पश्चिम मानसून से नकारात्मक संबंध हैं. ऐसे में मानसून सीजन के मध्य जुलाई-अगस्त में एलनीनो के सक्रिय होने की प्रबल संभावना है. इसकी वजह से यूपी में बरसात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है. ऐसे में सामान्य से भी कम बारिश होने के कारण गर्मी का असर देखने को मिल सकता है.

प्रदेश में जून माह के दौरान भी औसत से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है. हालांकि हिंद महासागर में जिस प्रकार से आईओडी परिस्थितियां सक्रिय हैं, अगर ये आगे भी इसी तरह बनी रहीं, तो इससे राहत भी मिल सकती हैं, क्योंकि इनकी वजह से एलनीनो का प्रभाव कम होने के आसार हैं.

मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश में कुल 22.1 मिमी बरसात रिकार्ड हुई, जो कि एक जुलाई के हिसाब से सामान्य बारिश 5.4 मिमी से 309 फीसदी अधिक है. प्रदेश में सिद्धार्थनगर में सर्वाधिक बरसात 177.7 मिमी, गोरखपुर में 109.3 मिमी और संतकबीरनगर में 101.5 मिमी. बरसात रिकॉर्ड हुई. बीते चौबीस घंटे में प्रदेश में सर्वाधिक तापमान कानपुर में 35.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान झांसी में 24.1 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम की बदली चाल का तापमान में सीधा असर देखने को मिल रहा है. पहले जहां अधिकतम पारा 40 डिग्री के नीचे आया था, वहीं अब ये और नीचे चला गया है.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जून की तरह जुलाई में भी पूर्वांचल की तुलना में पश्चिमी यूपी में बारिश का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. जून में पूर्वांचल में मानसूनी वर्षा दीर्घकालिक औसत से 44 प्रतिशत कम रही, जबकि पश्चिमी यूपी में यह 30 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई. हालांकि मानसून पूर्वांचल के रास्ते यूपी में दाखिल हुआ है. लेकिन, इसकी प्री मानसून से लेकर मानसून के दौरान अभी तक पश्चिमी यूपी में ज्यादा बारिश हुई है. आगे भी इसी तरह की संभावना है. ऐसे में जुलाई में पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत मासिक तापमान सामान्य या उससे से अधिक और पश्चिमी यूपी मे सामान्य या उससे कम रहने के आसार हैं.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिणी उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. वहीं एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा पंजाब से लेकर हरियाणा होते दक्षिण उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से गुजर रही है. इसका असर प्रदेश के मौसम में देखने को मिल रहा है. फिलहाल अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बहुत ज्यादा परिवर्तन के आसार नहीं हैं.

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