UP Weather Update: यूपी में मौसम एक बार फिर करवट लेने की तैयारी में है. रविवार को प्रदेश में कई जगह बारिश से राहत के बीच उमस का प्रभाव देखने को मिला, वहीं सोमवार को विभिन्न जनपदों में झमाझम बारिश के आसार हैं. हालांकि राजधानी लखनऊ सहित आसपास के जनपदों में सुबह की शुरुआत से ही गर्मी का एहसास बना हुआ है. मौसम विभाग ने कई जनपदों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. उत्तर प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में कानपुर नगर में सबसे ज्यादा तपिश देखने को मिली. यहां अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं प्रदेश में न्यूनतम तापमान चुर्क में 22.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर बारिश और गजर चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं. वहीं 18 जुलाई को पश्चिमी यूपी में कई जगह और पूर्वांचल में कुछ स्थानों पर बादलों के बरसने की उम्मीद है. फिलहाल इसी तरह का मौसम बना रहेगा. प्रदेश में 22 जुलाई तक बारिश की संभावना बनी हुई है.
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मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, जालौन और हमीरपुर में वज्रपात और बारिश के आसार हैं. इसी तरह बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, मीरजापुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, महोबा, झांसी और ललितपुर में भारी बारिश की संभावना है.
इस बीच मानसून के कड़े तेवर के कारण नदियां उफान पर हैं. लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा के जल स्तर ने 12 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. बदायूं के कचलाब्रिज पर वर्ष 2010 में अधिकतम 162.79 मीटर तक पानी का स्तर गया था. यहां जल स्तर 162.80 मीटर हो गया. इसके अलावा यमुना, सरयू, रामगंगा आदि नदियां के भी जलस्तर में इजाफा दर्ज किया गया है.
सिंचाई विभाग के मुताबिक गंगा के जलस्तर में कुछ स्थानों पर ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है. बदायूं जनपद में सबसे ज्यादा जलस्तर बढ़ा है. हालांकि इस समय स्थिति यहां स्थिर है पर पिछले 12 सालों के सर्वाधिक स्तर पर यहां गंगा बह रही है. जलस्तर अभी और बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है. नरौरा बुलंदशहर में भी जल स्तर 178 मीटर के पार चला गया है. यहां भी गंगा बेहद उफान पर है.
मथुरा में यमुना खतरे के निशान को छूकर बह रही है. यही हाल बाराबंकी में सरयू का भी है. अनुमान है कि गंगा के गोमती, सरयू, राप्ती आदि के क्षेत्र में मध्यम स्तरीय बारिश होगी. इसके अलावा गंगा बेसिन के मिर्जापुर क्षेत्र में भारी बारिश की आशंका है.
हालांकि बाढ़ को लेकर इस समय प्रदेश के सभी जिलों को रेड जोन से बाहर किया गया है. बदायूं, मथुरा को ऑरेंज जोन में रखा गया है. इसके अलावा फर्रुखाबाद, कानपुर नगर, अयोध्या, शाहजहापुर, बाराबंकी, हापुड़ को येलो जोन में शामिल किया गया है. प्रदेश के लगभग 200 गांव इस समय भी बाढ़ की चपेट में हैं.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून ट्रफ गंगानगर, हिसार, दिल्ली, सुल्तानपुर, गया, बांकुरा और फिर दक्षिणपूर्व वार्डों से होकर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. पश्चिमी विक्षोभ को उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जाता है. दक्षिण गुजरात क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है.
उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है. 18 जुलाई के आसपास बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की उम्मीद है. मौसम की इन परिस्थितियों का उत्तर प्रदेश के तापमान पर भी असर पड़ने की संभावना है.
इस बीच नदियों के लगातार बढ़ रहे जलस्तर का जनजीवन पर असर पड़ा है. तराई के इलाके ज्यादा प्रभावित हैं. गंगा, यमुना सहित अन्य नदियों ने जहां विकराल रूप धारण किया है, वहां एसडीआरएफ चौकन्ना है. कई जगह गोताखोर और कर्मचारी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं.