UP Weather Update: यूपी में सितंबर के पहले सप्ताह भी हावी रहेगी उमस और गर्मी, जाने अपने शहर का मौसम
उत्तर प्रदेश में गुरुवार को मौसम को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में भी भारी बारिश के आसार नहीं हैं. पहली तारीख को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम सामान्य तौर पर शुष्क रहेगा.
UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के मौसम में मानसून की सक्रियता कम होने से अब उमस का असर बढ़ गया है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीते 48 घंटे से तेज बारिश नहीं होने से गर्मी का प्रकोप बना हुआ है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगस्त में बहुत ज्यादा बारिश नहीं हुई है. आमतौर पर या तो लोग बारिश का इंतजार करते रहे या फिर बादल कुछ घंटे में ही जमकर बरसने के बाद शांत हो गए. सितंबर में भी फिलहाल बहुत ज्यादा बारिश के आसार नहीं हैं.
इस बीच आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. राजधानी लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
प्रदेश में गुरुवार को मौसम को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में भी भारी बारिश के आसार नहीं हैं. पहली तारीख को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां मौसम सामान्य तौर पर शुष्क रहेगा, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इसके बाद 2, 3 और 4 सितंबर को भी प्रदेश में इसी तरह का मौसम रहेगा. इन तारीख को लेकर भी फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है.
इसके बाद 5 सितंबर को प्रदेश में एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इस तरह प्रदेश में फिलहाल 5 सितंबर तक बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम की ताजा परिस्थितियों के मुताबिक अगले चार दिनों तक अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है.
औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ का पश्चिमी क्षोर हिमालय की तलहटी के साथ चल रहा है और पूर्वी छोर अब गोरखपुर पटना बांकुरा दीघा से गुजरता है और पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व की ओर जाता है. मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर अपनी धुरी के साथ अब लगभग लॉन्ग के साथ चल रहा है. मौसम की इन ताज गतिविधियों का असर प्रदेश के तापमान में देखने को मिल सकता है.