Loading election data...

UP Weather Update: यूपी में उमस का सितम जारी, सितंबर में नहीं मिली राहत, जानें अक्टूबर में कैसा रहेगा मौसम

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में शनिवार को मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वांचल में एक या दो स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. फिलहाल मौसम को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है. लखनऊ में शनिवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.

By Sanjay Singh | September 30, 2023 7:27 AM

UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर थमने के कारण मौसम उमस में हावी हो गई है. सितंबर का महीना बारिश के लिहाज से राहत देने वाला नहीं साबित हुआ और लोग गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं. पूर्वांचल सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में लोग चिपचिपाती गर्मी से परेशान हैं. बादलों की आवाजाही के बीच बारिश नहीं होने से उमस में और इजाफा हो गया है. हालांकि बादल बरसने वाले इलाकों में लोगों को जरूर राहत मिली. लेकिन, ये राहत सीमित क्षेत्रों तक रहीं. अधिकांश जगह गर्मी असर दिखा रही है. मौसम का बदला अंदाज किसानों की फसलों पर भी भारी पड़ सकता है. लखनऊ सहित अधिकांश हिस्सों में शनिवार सुबह की शुरुआत शुष्क मौसम के साथ हुई. सुबह से ही गर्मी का एहसास बना हुआ है.

न्यूनतम तापमान में अगले चार दिन तक गिरावट के आसार नहीं

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में शनिवार को मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वांचल में एक या दो स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. फिलहाल मौसम को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है. राजधानी लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में शनिवार को न्यूनतम अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. प्रदेश में अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में बदलाव की संभावना नहीं है. इसके बाद दो से तीन डिग्री की क्रमिक गिरावट दर्ज की जाएगी. वहीं न्यूनतम तापमान में अगले चार दिनों में बदलाव होने के आसार नहीं हैं.

Also Read: Aaj Ka Rashifal 30 सितंबर 2023: मिथुन, कर्क, सिंह, मकर और मीन राशि वालों को हो सकता है नुकसान, आज का राशिफल
5 अक्टूबर तक पश्चिमी यूपी में शुष्क रहेगा मौसम

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश में 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वांचल में एक या दो स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं. फिलहाल गर्मी का एहसास बना रहेगा. पूर्वांचल में उमस का सितम जारी है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पूर्वांचल में शनिवार से कुछ जगह बारिश के कारण राहत मिल सकती है. मौसम विभाग ने शनिवार से दो-तीन दिन आसमान में बादल छाए रहने और बूंदाबांदी का आसार जताया है.

पूर्वांचल में लोग भारी बारिश के लिए तरसे

सितंबर में मौसम राहत नहीं वाला नहीं रहा. पूर्वांचल में लोग भारी बारिश के लिए तरसते रहे. कई जिलों में मई और जून की गर्मी का एहसास हुआ. दिन का तापमान 36 डिग्री तक पहुंच गया. पूर्वांचल के गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती सहित अन्य जिलों में शुक्रवार को दिन में उमस भरी गर्मी से लोग खासे परेशान दिखे. दिन में बादलों का भी सिलसिला जारी रहा. धूपछांव के बीच अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया.

12 साल बाद सितंबर में इतनी ज्यादा तपिश देखने को मिली

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डाॅ. अमरनाथ मिश्र ने बताया कि करीब 12 साल बाद सितंबर माह इतना तपाने वाला रहा. इसका कारण है कि बारिश का औसत से कम होना. तापमान का असर कृषि के अलावा लोगों पर भी पड़ रहा है. उमस भरी गर्मी में लोग अधिक बीमार पड़ेंगे. पूर्वांचल में बारिश नहीं होने के चलते किसानों की चिंता भी बढ़ गई है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक धान की फसल में बालियां आ रही हैं. अब यदि तापमान कम नहीं हुआ तो फसल में कीट-रोग अधिक लगेंगे इससे उत्पादन पर असर पड़ेगा. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक फिलहाल 15 अक्तूबर तक राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

यूपी में चहां चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर से 3.1 किलोमीटर ऊपर स्थित है. अगले एक-दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. कर्नाटक के उत्तरी तट पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के तहत, दक्षिण कोंकण और गोवा के पास पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके उसी क्षेत्र में एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और अगले चौबीस घंटे के दौरान धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है. म्यांमार और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से, पूर्वोत्तर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. अगले 48 घंटों के दौरान इसके एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र बनने और उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट पर पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है. तमिलनाडु तट के पास दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है.

Next Article

Exit mobile version