UP Weather Update: यूपी में उमस भरी गर्मी फिर होने लगी हावी, कमजोर हुआ मानसून, जानें अपने शहर का मौसम
UP Weather Update: आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक 29 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आमतौर पर मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थान पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं.
UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है. दिन में उमस भरी गर्मी के बाद रात में हवाओं की वजह से कई जगह मौसम में उमस से राहत देखने को मिल रही है. प्रदेश में सोमवार को अलग-अलग स्थान पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. हालांकि मौसम विभाग ने किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक सोमवार को राजधानी लखनऊ और आसपास के जनपदों में अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. सोमवार सुबह हल्की हवाओं ने थोड़ी राहत दी.
प्रदेश में सोमवार को संभल, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज और कुशीनगर में कुछ स्थानों पर आंशिक तौर पर बरसात हो सकती है. इसके साथ ही बलिया, चंदौली, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, गोंडा, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, सीतापुर और बाराबंकी में आंशिक बारिश की संभावना है.
इसके बाद 29 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आमतौर पर मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थान पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. 30 और 31 अगस्त को भी प्रदेश में इसी तरह का मौसम रहने के आसार हैं. फिलहाल मौसम विभाग ने इन दोनों दिनों को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की है. इसके बाद 1 और 2 सितंबर को राज्य में अलग-अलग स्थान पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इस तरह फिलहाल 2 सितंबर तक बारिश की स्थिति देखने को मिल सकती है.
मौसम की ताजा परिस्थितियों के मुताबिक अगले 4 दिन में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. वर्तमान में औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी के साथ-साथ चल रहा है और इसका पूर्वी छोर अब गोरखपुर दरभंगा बालुरघाट से होकर पूर्व की ओर मणिपुर तक जाता है.
पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक गर्त के रूप में है, जिसकी धुरी लॉन्ग के साथ औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर है. मौसम की इन परिस्थितियों का असर प्रदेश के तापमान में देखने को मिल सकता है.