UP Weather Update: यूपी में बादल जमकर बरसने को तैयार, आज यहां होगी भारी बारिश, जानें अपने शहर का मौसम
UP Weather Update: आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में गुरुवार को एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय चमक होने की संभावना है. इस दौरान पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं. वहीं पूर्वांचल में कई स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं.
UP Weather Update: यूपी में मानूसन की गतिविधियां फिर से सक्रिय होने के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश हो रही है. हालांकि फिलहाल हल्की बारिश के कारण उमस की स्थिति भी बनी हुई है. इस बीच मौसम विभाग ने अब राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में गुरुवार को एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय चमक होने की संभावना है. इस दौरान पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं. वहीं पूर्वांचल में कई स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं.
इसके बाद 8 सितंबर को उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं. इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनेक स्थान पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. वहीं 9 सितंबर को भी प्रदेश में इसी तरह का मौसम रहने के आसार हैं.
10 सितंबर को पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों और पूर्वी यूपी में कई जगह बारिश के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं. इसके बाद 11 और 12 सितंबर को पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों और पूर्वांचल में कई जगह गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अगले चार दिनों के दौरान कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून अब गंगानगर, हिसार, मेरठ, ग्वालियर, जबलपुर और रायपुर से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र तक पहुंच रहा है. एक ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिम और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से लेकर छत्तीसगढ़ होते हुए दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है.
दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और आसपास के हिस्सों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके दक्षिण ओडिशा और दक्षिण छत्तीसगढ़ में पश्चिमी दिशा में बढ़ने की उम्मीद है. एक संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है.