UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है. हालांकि मानसून की विदाई करीब होने के कारण अब प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश नहीं हो रही है. हल्की से मध्यम बरसात ही दर्ज की गई.
प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान राजधानी लखनऊ सहित कई जगह बादलों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इससे लोगों को राहत महसूस हुई. मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच आर्द्रता का अधिकतम स्टार 88 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में रविवार को एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. मौसम विभाग ने प्रदेश में एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय चमक होने को लेकर अलर्ट जारी किया है. राजधानी लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में रविवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं.
इसके बाद 18, 19 और 20 सितंबर को प्रदेश में एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इस दौरान मौसम को लेकर कोई भी अलर्ट जारी नहीं किया गया है. वहीं 21 और 22 सितंबर को भी प्रदेश में एक दो जगह पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं.
वहीं प्रदेश में बारिश के बाद कई जगह नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. पिछले दिनों बारिश के बाद बरेली से गुजरने वाली रामगंगा, किच्छा, बहगुल, बदायूं से गुजरने वाली गंगा समेत मंडल की तमाम नदियों का जल स्तर बढ़ गया था. यह बारिश उत्तराखंड में भी जमकर हो रही है, जिसके चलते बैराज से पानी छोड़ने का भी सिलसिला शुरू होगा. पिछले दिनों उत्तराखंड के खो बैराज से 83 हजार क्यूसेक, गोला बैराज से 22 हजार क्यूसेक और कोसी बैराज से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
गंगा और रामगंगा नदियों में पानी छोड़े के बाद जल स्तर बढ़ गया. इससे नदियों के किनारे की फसल डूबने लगीं, तो वहीं अब मीरगंज के गांवों में फिर कटान शुरू होने की संभाना जताई जा रही है. गंगा और रामगंगा पहले ही खतरे के निशान के करीब है. हालांकि, पानी बढ़ने के बाद प्रशासन अलर्ट है. बाढ़ चौकियों को भी सक्रिय कर निगरानी शुरू की जा चुकी है. बाढ़ खंड विभाग ने रामगंगा और गंगा में बाढ़ की आशंका को लेकर नदियों के करीब के गांव के लोगों को एक बार फिर चेतावनी जारी कर दी है.
देश में मौसम प्रणाली की बात करें तो चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिणी मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर है. परिसंचरण ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके उत्तर गुजरात और दक्षिण-पूर्व राजस्थान में पश्चिमी दिशा में बढ़ने की संभावना है.
एक ट्रफ रेखा मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर स्पष्ट रूप से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से मध्य महाराष्ट्र के दक्षिण कोंकण तक फैली हुई है और समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी ऊपर है. हरियाणा के दक्षिणी भागों पर निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है. औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ जैसलमेर, कोटा, एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र, पेंड्रा रोड, झारसुगुड़ा, बालासोर और फिर दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से होकर गुजरती है. प्रदेश में अगले चार दिनों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है.