UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मानसून की वापसी के बाद जो लोग गुलाबी जाड़े का इंतजार कर रहे थे, वह गर्मी के तेवर देखकर परेशान हैं, अक्तूबर के महीने में मई जून जैसी गर्मी से लोग बेहाल हैं. उमस का स्तर बढ़ने से लोग घरों के अंदर और बाहर दोनों जगह परेशान हैं. मौसम विभाग के मुताबिक बारिश की सिथति पूरी तरह बंद और हवा नहीं चलने के कारण उमस ज्यादा हावी हो रही है. राज्य में 16 अक्तूबर तक बारिश के आसार नहीं हैं. शुक्रवार सुबह की शुरुआत भी शुष्क मौसम के साथ हुई. लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, अयोध्या, हरदोई, गोंडा, उन्नाव, बाराबंकी सहित कई जनपदों में धूप निकली हुई है. गर्मी अपना असर दिखा रही है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक शुक्रवार को पश्चिमी यूपी के साथ पूर्वांचल और अन्य स्थानों में बारिश की कोई संभावना नहीं है. 16 अक्तूबर तक प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा. मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर कोई अलर्ट जारी नहीं किया है. हालांकि आने वाले दिनों में रात के पारे में गिरावट के साथ ठंड दस्तक देगी. इसके साथ ही सुबह के वक्त धुंध भी देखने को मिल सकती है. प्रदेश में एक दो सप्ताह के भीतर गुलाबी जाड़े का असर दिखाई देने लगेगा.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक लखनऊ और आसपास के जनपदों में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. प्रदेश में अब धीरे धीरे गुलाबी जाड़े की शुरुआत होगी. राज्य के सभी जनपदों में आज अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान भी एक से दो डिग्री सेल्सियस गिरने का पूर्वानुमान है. 17 और 18 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में एक या दो स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. हालांकि इन दो दिनों में अलर्ट जैसी कोई स्थिति देखने को नहीं मिलेगी.
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उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के दौरान सबसे ठंडा जिला शाहजहांपुर और बरेली रहे हैं, यहां का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है. जबकि झांसी में 21, कानपुर शहर में 18 और मेरठ में 17 डिग्री सेल्सियस के साथ ही मुरादाबाद में 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इन जिलों में ठंड अपना असर दिखा रही है. अन्य स्थानों के लोगों को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. प्रदेश में आजमगढ़, गाजियाबाद और नोएडा के साथ ही हापुड़ इन जिलों में भी अगले 48 घंटे के भीतर ठंड अपना दिखाने लगेगी. हालांकि दिन में धूप हावी रहेगी, लेकिन रात में पारा गिरने से ठंड असर करेगी.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शुक्रवार को लखनऊ, मथुरा, आजमगढ़ जैसे जिलों में अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है. वहीं, न्यूनतम तापमान 23 डिग्री तक रह सकता है। इसी तरह गाजियाबाद और नोएडा में अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। फतेहपुर, सुल्तानपुर, गाजीपुर और अयोध्या में भी अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शुक्रवार को फतेहपुर, बांदा, सुलतानपुर, अयोध्या, फुरसतगंज, गाजीपुर और फतेहगढ़ में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से लेकर 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है. इन जिलों का न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस लेकर 23 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा. वहीं गाजियाबाद, हापुड़ और नोएडा की बात करें तो इन जिलों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है.
इसके अलावा मथुरा, चित्रकूट, हाथरस, आजमगढ़, गोंडा में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तक रहने का पूर्वानुमान है. जबकि इन जिलों का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. बस्ती, झांसी, उरई, हमीरपुर, बरेली शाहजहांपुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़ और बुलंदशहर में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से लेकर 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है, जबकि यहां का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 22 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. इसके अलावा बाराबंकी, हरदोई, कानपुर, इटावा, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, वाराणसी, बलिया, चुर्क, बहराइच और प्रयागराज में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से लेकर 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से लेकर 21 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 13 अक्तूबर की रात से पश्चिम में हिमालय क्षेत्र और 14 अक्तूबर से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करने की संभावना है. इसके साथ ही बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, और तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अब अनुकूल होती जा रही हैं. पश्चिमी विक्षोभ को जम्मू और इससे सटे पाकिस्तान पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जाता है. उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. रायलसीमा और इससे सटे दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है.